राजस्थान (मानवी मीडिया): बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को सबसे मजबूत खूंटा दिया था. यूपी के बाहर राजस्थान में बीएसपी लगातार अच्छा करती रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में भी पार्टी के छह विधायक चुने गए थे इसलिए उन्हें राजस्थान की जिम्मेदारी दी गई. भतीजे आकाश आनंद की कामयाबी के लिए मायावती ने वो सब किया जो उन्हें करना चाहिए था. चुनावी नतीजे आने से पहले ही उन्होंने सरकार में शामिल होने की घोषणा कर दी थी, जबकि उनके बारे में ये कहावत मशहूर है कि वे अपनी शर्तों पर ऐसे फैसले करती हैं, लेकिन सत्ता में आकाश आनंद की हिस्सेदारी के लिए मायावती को ऐसा करना पड़ा. ये बात अलग है कि राजस्थान में ऐसी नौबत ही नहीं आई
इस बार कांग्रेस और बीजेपी में किसी को बहुमत नहीं मिलेगा, बीएसपी चीफ को इस तरह का फीडबैक मिला था. अशोक गहलोत ने पिछली बार समर्थन दे रहे बीएसपी विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर लिया था. फिर ऐसा न हो इसलिए वे सरकार में शामिल होने वाला फार्मूला लेकर आई थीं.
मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद को बीएसपी में उनका उत्तराधिकारी माना जाता है. एक्टिव पॉलिटिक्स में तो उन्हें पिछले लोकसभा चुनाव में ही लॉन्च कर दिया गया था, लेकिन इस बार मायावती ने उन्हें राजस्थान की पूरी जिम्मेदारी दी थी. आकाश की मदद के लिए मायावती ने अपने समधी और पूर्व राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ को भी लगाया था.