लखनऊ (मानवी मीडिया)देश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के युवाओं को एवं रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य हेतु सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार की फ्लैगशिप योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के राज्य में सफलतापूर्वक क्रियान्वयन एवं प्रचार-प्रसार हेतु आज दिनांक 05.12.2023 को अमित मोहन प्रसाद, आई.ए.एस., अपर मुख्य सचिव (एम.एस.एम.ई एवं खादी ग्रामोद्योग), उ0प्र0 शासन की अध्यक्षता में गन्ना किसान संस्थान, डालीबाग, लखनऊ में एक राज्य स्तरीय पीएमईजीपी कार्यशाला का आयोजन खादी और ग्रामोद्योग आयोग, भारत सरकार के द्वारा किया गया। उक्त कार्यशाला में राजेश कुमार, आयुक्त एवं निदेशक (उद्योग), अरूण प्रकाश, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, प्रांजल यादव, सचिव, एम.एस.एम.ई, रोहित जिनिवाल, उप महाप्रबन्धक, बैंक आफ बड़ौदा एवं डा0 नितेश धवन, राज्य निदेशक, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, लखनऊ के साथ-साथ प्रदेश के सभी जिलों के उपायुक्त (उद्योग), जिला ग्रामोद्योग अधिकारी, जिला अग्रणी प्रबन्धक, खादी और ग्रामोद्योग आयोग के पदाधिकारी एवं उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, उद्योग विभाग, बैंकों के स्थानीय प्रमुखों ने प्रतिभाग किया।
कार्यशाला में अवगत कराया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में पीएमईजीपी योजना के अन्तर्गत प्रदेश में कुल रू0 378.62 करोड़ के मार्जिन मनी अनुदान एवं बैंकों द्वारा रू0 1135.86 करोड़ के पूँजी प्रवाह के साथ कुल 11599 इकाईयाँ स्थापित हुई जिनके माध्यम से कुल 92792 रोजगार सृजित हुआ। साथ ही 2023-24 में अब तक हुई प्रगति के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा की गयी। तत्पश्चात् योजना का क्रियान्वयन को सुलभ बनाने हेतु हितधारकों एवं सफल उद्यमियों के द्वारा अपने विचारों को प्रस्तुत किया गया। खुली चर्चा में सभी हितधारकों द्वारा उत्साहजनक रूप से प्रतिभाग किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अमित मोहन प्रसाद, आई.ए.एस., अपर मुख्य सचिव महोदय के द्वारा योजना पर अब तक हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए इसका लाभ प्रदेश के अन्तिम व्यक्ति तक पुहँचे इस सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश दिये। मुख्य अतिथि महोदय द्वारा यह भी बताया गया कि एम.एस.एम.ई. सेक्टर के विकास में पीएमईजीपी योजना का महत्वपूर्ण भूमिका है तथा इसके क्रियान्वयन में तेजी लाने, विपणन में राज्य सरकार द्वारा दिये जा रहे मदद के बारे में जानकारी दी। उनके द्वारा यह भी निर्देश दिये गये कि एम.एस.एम.ई. क्षेत्र की अन्य योजनाओं के साथ कनवर्जन्स पर बल दिया गया जिसके माध्यम से उद्यमियों को विपणन की सुविधाओं के साथ-साथ समाजिक सुरक्षा और इकाईयों के विस्तार के लिये योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा सके।
वर्ष 2022-23 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 3 बैंकों पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक आफ इण्डिया तथा बैंक आफ बड़ौदा को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया इसी प्रकार शीर्ष 3 जिलों वाराणसी, आजमगढ़ तथा गाजीपुर के अग्रणी बैंक प्रबन्धकों को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सचिव, एम.एस.एम.ई. प्रांजल यादव के द्वारा एम.एस.एम.ई. क्षेत्र की महत्ता का उल्लेख करते हुए सभी हितधारकों से एम.एस.एम.ई. इकाईयों को अपना भरपूर सहयोग देने का आग्रह किया गया।
राजेश कुमार, आयुक्त एवं निदेशक (उद्योग) द्वारा उद्योग विभाग के समस्त उपायुक्तों को इस योजना के अन्तर्गत समयबद्ध तरीके से योजना का लाभ दिये जाने के निर्देश दिये गये साथ ही ऋण प्रदान करने के बाद भी इकाईयों के साथ समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया गया एवं शहरी क्षेत्रों में भी इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने का उल्लेख किया गया।
अरूण प्रकाश, मुख्य कार्यपालक अधिकारी के द्वारा सभी जिला ग्रामोद्योग अधिकारी को ई.डी.पी. प्रशिक्षण के लम्बित प्रकरणों के निस्तारण में तेजी लाने एवं बैंकों से आवश्यक सहयोग किये जाने की अपील की गई।
डा0 नितेश धवन, राज्य निदेशक द्वारा पीएमईजीपी योजना तथा अबतक हुई प्रगति का विस्तृत से प्रस्तुतिकरण करते हुए मुख्य रूप से द्वितीय लोन को बढ़ाने की अपील की। बैंकों से कम से कम प्रस्तावों को अस्वीकृत करने तथा लम्बित आवेदन के शीघ्र निस्तारण करने पर जोर दिया गया। कार्यक्रम में केवीआईसी से आशुतोष कुमार सिंह, सह निदेशक-।।, प्रशान्त मिश्र, नोडल अधिकारी (पीएमईजीपी) एवं अन्य पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया।