अयोध्या : (मानवी मीडिया) भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आ रही है। इसे लेकर राम भक्तों में भारी उत्साह है। इस बीच, मंदिर के नाम पर श्रद्धालुओं को लूटने के चौंकाने वाले रैकेट का खुलासा हुआ है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) की ओर से यह चेतावनी दी गई कि कैसे साइबर अपराधियों ने जाल बिछाया है।
इसमें कहा गया कि सोशल मीडिया पर मैसेज भेजकर लोगों से मंदिर के नाम पर चंदा मांगा जा रहा है। इन संदेशों में QR कोड भी होता है और लिखा होता है कि स्कैन करके पेयमेंट करें। यह पैसा राम मंदिर निर्माण में लगाया जाएगा मगर वो ठगों के खाते में जाता है।
विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि इस मामले को लेकर गृह मंत्रालय और दिल्ली व उत्तर प्रदेश पुलिस को सूचना दी गई है। उन्होंने साफ किया कि मंदिर निर्माण की देखरेख करने वाले ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने किसी को भी धन इकट्ठा करने का काम नहीं सौंपा है। इसलिए ठगी की कोशिशों से सतर्क रहने की जरूरत है।वीडियो संदेश में बंसल ने कहा, 'हमें हाल ही में मंदिर के नाम पर धन इकट्ठा करने के कुरूप प्रयासों के बारे में जानकारी मिली। मैंने इसे लेकर गृह मंत्रालय, उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा और सख्त कार्रवाई की मांग की है।'
मैसेज और फोन कॉल के जरिए जालसाजी का प्रयास
विनोद बंसल ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने किसी को भी धन इकट्ठा करने के लिए अधिकृत नहीं किया है। इसलिए लोगों को इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार होने से बचाने की जरूरत है। इसके लिए जनता को भी सावधान रहना होगा। उन्होंने कहा, 'यह खुशी का मौका है और हम निमंत्रण भेज रहे हैं। हम किसी से कोई दान नहीं ले रहे हैं।'
मैसेज और फोन कॉल के जरिए जालसाजी का प्रयास
विनोद बंसल ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने किसी को भी धन इकट्ठा करने के लिए अधिकृत नहीं किया है। इसलिए लोगों को इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार होने से बचाने की जरूरत है। इसके लिए जनता को भी सावधान रहना होगा। उन्होंने कहा, 'यह खुशी का मौका है और हम निमंत्रण भेज रहे हैं। हम किसी से कोई दान नहीं ले रहे हैं।'
इस धोखाधड़ी का पता उस वक्त चला जब सोशल मीडिया संदेशों और फोन कॉल के जरिए राम मंदिर के लिए दान देने को कहा गया। जिन लोगों को कॉल आया उनमें से एक ने वीएचपी कार्यकर्ताओं के साथ नंबर साझा कर दिया। इसके बाद एक वीएचपी कार्यकर्ता ने नंबर पर कॉल किया और फिर जालसाजों की रणनीति पकड़ में आ गई।