लखनऊ : (मानवी मीडिया) ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तफहीम-ए-शरीयत कमेटी की कॉन्फ्रेंस में शनिवार को उलमा ने इस्लाम में महिलाओं को मिले बराबरी और विरासत के अधिकारों के प्रति जागरूक किया। इस दौरान मुसलमानों से बेटियों को दहेज की जगह जायदाद में हिस्सा देने की अपील की गई। ऐशबाग ईदगाह स्थित दारुल उलूम फरंगी महल में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से आयोजित कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता मौलाना अतीक अहमद बस्तवी ने की। उन्होंने कहा कि मुसलमान बेटियों को दहेज देने बजाय जायदाद में हिस्सा दें,
इससे बेटियों के सामने आर्थिक समस्याएं नहीं आएंगी। ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि देश में तमाम धर्म के मानने वालों को अपने-अपने पर्सनल लॉ पर अमल करने की सांविधानिक आजादी है। उन्होंने कहा कि कॉन्फ्रेंस का मकसद लोगों के बीच मुस्लिम पर्सनल लॉ से संबंधित गलत फहमियों को दूर करना है। मौलाना मोहम्मद उमर आब्दीन कासमी, इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता काजी सबीहुर्रहमान, अधिवक्ता शेख सऊद रईस ने मुस्लिम पर्सनल लॉ की संवैधानिक हैसियत को विस्तार से बताया।