उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को ग्रेटर नोएडा स्थित गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध की शिक्षाएं बुद्धि और विवेक से धर्म का आचरण करते हुए टीम भावना के लिए प्रेरित करती हैं। बुद्ध ने जीवन के जिन रहस्यों को उद्घाटित किया था, वो हर मनुष्य के ईद-गिर्द घटती हैं। बुद्ध ने हमें सिखाया है कि हमें समस्याओं को स्वीकारना आना चाहिए।
जैसे ही हम समस्या को स्वीकार करते हैं तो उसके समाधान का रास्ता भी तलाशना होता है। अक्सर होता ये है कि हम समस्या को ही स्वीकार नहीं करते। हमारी विफलता का रहस्य समस्या से मुंह मोड़ने में ही छिपा है। बुद्ध का जीवन ना सिर्फ प्रेरणादायी है, बल्कि देश और दुनिया को नई राह दिखाने वाला भी है।
सीएम योगी ने देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का दीक्षांत समारोह में स्वागत और अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने उपराष्ट्रपति द्वारा खराब मौसम के बावजूद सड़क मार्ग से समय से पहले ही समारोह में पहुंचने को युवाओं के लिए प्रेरणादायी बताया। मुख्यमंत्री ने उप राष्ट्रपति को शून्य से शिखर की आदर्श प्रतिमूर्ति बताया।
सत्य बोलो और धर्म के मार्ग पर चलो
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीक्षांत उपदेश भारत की गुरुकल परंपरा से आई है, जिसमें एक गुरु शिक्षा के उपरांत अपने शिष्य को उपदेश देता है कि तुमने जो भी ज्ञान प्राप्त किया है, उसका सार यही है कि सत्य बोलो और धर्म के मार्ग पर चलो। बुद्ध भी कहते हैं कि धर्म की शरण में जाओ। धर्म पूजा पद्धति नहीं है, बल्कि सदाचार, नैतिक मूल्य और कर्तव्य का समन्वित रूप है। ये हर देश, काल, परिस्थिति में समान रहता है।
उपासना पद्धति देश, काल और परिस्थितियों के अनुसार बदलती रहती है। लेकिन धर्म शाश्वत व्यवस्था है। बुद्ध ने अपने प्रत्येक अनुयायियों को बुद्ध यानी बुद्धि-विवेक की शरण में जाने के लिए कहा है। इसके अलावा उन्होंने संघ की शरण यानी टीम भावना के साथ कार्य करने के लिए कहा है। विश्वविद्यालय हो, उद्योग जगत हो या परिवार, टीम वर्क हमेशा परिणाम देता है। वही टीम परिणाम देती है जो वन लीडरशिप में कार्य करती है। बुद्ध का उपदेश मानवता के कल्याण का मार्ग खेलती है।