बैठक के दौरान प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी द्वारा अवगत कराया गया कि कुल 11,270 सम्पत्तियों की रजिस्ट्री होनी बाकी है, जिनमें से रजिस्ट्री के 893 मामले प्रक्रियाधीन हैं। इस पर मण्डलायुक्त ने निर्देशित कि जिन आवंटियों द्वारा पूरा पैसा जमा किया जा चुका है, उनकी अलग से सूची बना ली जाए तथा ऐसे आवंटियों को विशेष निबंधन शिविर में आमंत्रित करके रजिस्ट्री की कार्यवाही निष्पादित करायी जाए। वहीं, जिन लोगों द्वारा धनराशि जमा नहीं करायी गयी है, उन्हें रिमाइंडर नोटिस भेजा जाए। मण्डलायुक्त ने कहा कि वह 22 दिसम्बर, 2023 को प्राधिकरण भवन स्थित अपने कार्यालय में बैठकर रजिस्ट्री के लंबित प्रकरणों की सुनवायी करेंगी। अगर उस दौरान ऐसा कोई प्रकरण सामने आया जिसमें रजिस्ट्री की कार्यवाही बेवजह लंबित रखी गयी है तो सम्बंधित कर्मचारी के साथ-साथ अधिकारी की भी जवाबदेही तय करते हुए कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री की सभी प्रचलित फाइलों को गूगल स्प्रेड शीट पर अपलोड किया जाए, जिससे कि फाइल को तुरंत ट्रैक करके सम्बंधित की जवाबदेही निर्धारित की जा सके।
समीक्षा बैठक में नामांतरण के 384, फ्री-होल्ड के 137 तथा रिफंड के 107 लंबित प्रकरणों पर मण्डलायुक्त ने जवाब तलब किया। जिसमें अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि इनमें से कुछ प्रकरण विवादित हैं, जबकि कुछ प्रकरणों में आवेदक द्वारा वांछित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये गये हैं। इस पर मण्डलायुक्त ने कहा कि रिफंड के सभी 107 मामलों का सोमवार की शाम तक निस्तारण हो जाना चाहिए। वहीं, विवादित मामलों को छोड़कर नामांतरण व फ्री-होल्ड के शेष सभी प्रकरणों का भी समयबद्ध तरीके से निस्तारण कराया जाए। इसके अलावा शमन मानचित्र के सम्बंध में अवगत कराया गया कि फरवरी 2023 से लेकर अब तक शमन के कुल 893 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 146 प्रकरण स्वीकृत किये गये। मण्डलायुक्त ने कहा कि शमन मानचित्र के जो आवेदन निरस्त किये गये हैं, उनकी सूची सम्बंधित जोनल अधिकारी को जरूर उपलब्ध करा दी जाए, जिससे कि प्रश्नगत अवैध निर्माणों की सीलिंग व ध्वस्तीकरण की कार्यवाही सुनिश्चित करायी जा सके।
वहीं, टेंडर की कार्यवाही में अनावश्यक रूप से अधिक समय लगने पर मण्डलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने निर्देशित किया कि टेंडर की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अलग से एक कमेटी गठित कर ली जाए और कोई भी टेंडर निकालने में 15 दिन से अधिक का समय न लगे। उन्होंने निर्देशित किया कि जिन निवेशकों ने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के अंतर्गत प्राधिकरण के साथ एम0ओ0यू0 साइन किया है, उन्हें किसी भी विभाग से एन0ओ0सी0 आदि औपचारिकताओं की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। जिन प्रकरणों में ऐसी दिक्कत आ रही है, उन्हें जिला व मण्डल स्तर की मासिक समीक्षा बैठक में प्रस्तुत करके निस्तारण कराया जाए। बैठक में सचिव पवन कुमार गंगवार, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, मुख्य अभियंता ए0के0 सिंह, मुख्य नगर नियोजक के0के0 गौतम, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह व पी0आई0यू0 के प्रभारी ए0के0 सिंह सेंगर समेत समस्त जोनल अधिकारी व अधिशासी अभियंता उपस्थित रहे।