लखनऊ : (मानवी मीडिया) राजधानी में जाम के झाम से निपटने के लिए पुलिस ने एक्शन प्लान तैयार किया है। शनिवार को जाम की समस्या से निपटने के लिए संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने कार्यालय में बैठक की। इस बैठक में नगर निगम और परिवहन विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए। समीक्षा के दौरान पाया गया कि अतिक्रमण और ई-रिक्शा जाम के मुख्य कारण हैं। वहीं आबादी की तुलना में 2.5 प्रतिशत स्ट्रीट वेंडर को भी यातायात में अवरोध उत्पन्न करने का जिम्मेदार बताया गया है।
जेसीपी उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि 9 अगस्त 2023 को नगर निगम को वेंडर्स तय करने के लिए पत्र भेजा गया था। उसमें ई-रिक्शा के लिए स्टैंड और स्ट्रीट वेंडरों के लिए वेडिंग जोन बनाने की मांग की गई थी। ताकि अतिक्रमण को हटाया जा सके। उन्होंने बताया कि नियमानुसार पूरे जनपद में आबादी की तुलना में 2.5 प्रतिशत से अधिक वेंडर नहीं हो सकते हैं। इसके तहत करीब डेढ़ लाख स्ट्रीट वेंडर को लाइसेंस दिया जाना चाहिए। इसके लिए नगर निगम से अनुरोध किया गया है कि निर्धारित संख्या के हिसाब से वेंडर दे दिया जाए। ताकि बिना लाइसेंस के वेंडर पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। इसके साथ ही ई-रिक्शा के लिए साइनेज बोर्ड लगाकर स्थान चिन्हित कर दिया जाए, जिससे चौराहे पर बेतरतीब तरीके से खड़े ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ कार्रवाई करने में आसानी हो। बैठक में परिवहन विभाग, नगर निगम, ट्रैफिक अधिकारी मौजूद रहे।
अभियान चलाकर होगी कार्रवाई
सड़क पर जाम की स्थिति उत्पन्न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। इस दौरान वेंडर व ई- रिक्शा चालकों के खिलाफ भी सख्ती होगी। अधिकारियों ने बताया कि चौराहों पर ई- रिक्शा व आटो चालकों की मनमानी को रोका जायेगा। अधिकारियों ने बताया कि जहां भी जाम की स्थिति हो रही वहां पर बाइक रेसरों को भी ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है।