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Tuesday, November 7, 2023

पूर्व राज्यपाल राम नाईक, आज़म खान लगातार निशाना साधने की कोशिश करते रहे


लखनऊ (मानवी मीडिया) योगी आदित्यनाथ  ने बतौर मुख्यमंत्री अपनी दुसरी पारी में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर बहुत अच्छा नियंत्रण पाया है; यही उनकी सरकार ने जौहर ट्रस्ट रामपुर आबंटित भवन / भूमि को वापस लेने का फैसला लेकर फिर एक बार प्रमाणित किया है”, ऐसी राय उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल  राम नाईक ने व्यक्त की.  लखनऊ के तीन दिवसीय यात्रा में  नाईक पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. 

राम नाईक ने याद किया कि मौलाना मोहम्मद अलि जौहर ट्रस्ट रामपुर में आजम  खान द्वारा किए जा रहे गलत कार्यों के बारे में जाँच का अनुरोध उन्होंने दिसंबर 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से किया था जिसके चलते  नाईक पर  आज़म  खान लगातार निशाना साधने की कोशिश करते रहे.   नाईक ने आगे कहा कि उनके राज्यपाल पद का कार्यकाल पुरा होने के 8-10 दिन पहले भी रामपुर के किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने उनसे भेंट कर फिर एक बार इस विषय में लिखित शिकायत दर्ज की थी जो उन्होंने तत्काल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  के पास भेज दी. “पिछले सप्ताह 31 अक्टूबर को योगी आदित्यनाथ की मंत्री परिषद ने मौलाना मोहम्मद अलि जौहर ट्रस्ट रामपुर को 30 वर्ष की अवधि के लिए वार्षिक मात्र रु. 100 किराए पर आबंटित 41,181 वर्गफुट क्षेत्रफल के भवन / भूमि को राज्य सरकार के स्वामित्व में लेने का बड़ा फैसला किया है, जिससे मैं संतुष्ट हूं”, ऐसा भी  नाईक ने कहा.

“महाराष्ट्र की तरह उत्तर प्रदेश की पुलिस व्यवस्था में भी बड़े महानगरों में पुलिस कमिशनरेट हो ऐसा सुझाव मैंने राज्यपाल के नाते दिया था.  तदनुसार अब सात महानगरों में पुलिस कमिशनरेट बनायी गयी है। इससे  भी अब आमतौर पर कानून व्यवस्था अधिक अच्छी होने में मदद मिलेगी”, ऐसा भी  नाईक ने कहा.

*उज्ज्वला योजना के कार्यान्वयन पर विशेष संतुष्टि*

 नाईक ने आगे कहा कि 24 वर्ष पूर्व जब वे देश के पेट्रोलियम मंत्री थे तब लोगों को एलपीजी सिलेंडर की काफी दिक्कत थी.  लोगों को नया गैस कनेक्शन मिलने के लिए लंबी प्रतिक्षा करनी पड़ती थी.  जब 1999 में उन्होंने पदभार स्वीकार किया था तब 1.10 करोड़ लोग गैस कनेक्शन की प्रतिक्षा सूचि में थे.  श्री नाईक ने भरकस प्रयासों से अपने कार्यकाल में न केवल प्रतिक्षा सूचि समाप्त की बल्कि कुल 3.37 करोड़ लोगों को नए गैस कनेक्शन दिए. बाद में विकास की इस गति को दस वर्ष अवरोधित किया गया.  मगर प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने देश की कमान संभालते ही फिर से स्थिति सुधर गयी. जरुरतमंदों के लिए मोदीसरकार ने शुरू की उज्ज्वला योजना में उत्तर प्रदेश की सरकार ने रु. 2,312 करोड़ की लागत लगाने के  हालहि में दिनांक 31 अक्टूबर 2023 के मंत्री परिषद के बड़े फैसले की भी श्री राम नाईक ने तारीफ की.                                                                                             

इसके चलते प्रदेश में 1.75 करोड़ लाभार्थी परिवारों को अब मार्च 2024 तक पूर्णतया नि:शुल्क सिलेंडर रिफिल का वितरण होगा. आम आदमी के लिए यह दीपावली का बड़ा उपहार है, ऐसा  नाईक ने कहा.

*डॉ  आंबेडकर स्मारक का स्वागत

 राम नाईक ने वे दिन याद किए जब उन्होंने बतौर राज्यपाल संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर जी का नाम उत्तर प्रदेश में गलत तरीके से याने ‘डॉ. भीम राव अम्बेडकर’ लिखे  जाने पर आपत्ति उठायी तो शुरू में कईयों को आश्चर्य लगा था.   नाईक ने तब संविधान का डॉ. आंबेडकर द्वारा हिंदी में साक्षांकित पन्ना ही पत्रकारों को दिखाया था.  उनके आग्रह से ही आंबेडकर विश्वविद्यालय के नाम में सुधार किया गया, इतनाही नहीं तो प्रदेश की सरकार ने हर सरकारी कार्यालय में डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा लगाने के आदेश दिए थे.  अब डॉ. आंबेडकर के प्रति सम्मान जताने योगी सरकार उत्तर प्रदेश में उनका भव्य स्मारक बनाने का कार्य कर रही है, जहाँ पर अनुसूचित जाती / जनजाती से जुड़े युवाओं के लिए स्कॉलरशिप व छात्रावास की व्यवस्था की जाएगी, जिस पर भी जताया राम नाईक ने समाधान जताया.

*हिंदुस्तान के खून में है ‘राम का डीएनए

पूर्व राज्यपाल  राम नाईक ने मुस्कुराते हुए पत्रकारों को पूछा, क्या उन्हें याद है वो दिन जब उन्होंने कहा था कि हिन्दुस्थान के खून में है ‘राम का डीएनए’ और आप में से कई लोग हक्का – बक्का हुए थे.  “आठ वर्ष पहले अप्रैल 2015 में कासगंज में यह बात कह कर मैंने अपने दिल की मुराद बयान की थी की अयोध्या में जल्द से जल्द राम मंदिर बने!  मेरी जीवनी में हम सबका यह सपना साकार होगा इससे बड़ी ख़ुशी की बात नहीं है.  अब हमारी अगली मुलाकात राम मंदिर बनने के बाद होगी!” ऐसा कह कर श्री राम नाईक ने अपनी वाणी को विराम दिया.

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