लखनऊ : (मानवी मीडिया) राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में आज राजभवन के गांधी सभागार में ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ योजनांतर्गत पुडुचेरी, अण्डमान एवं निकोबार तथा लक्षद्वीप राज्यों का स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर राजभवन में तीनों राज्यों की कला एवं संस्कृति को प्रदर्शित करती एक प्रदर्शनी लगायी गयी, जिसका राज्यपाल जी ने अवलोकन किया। इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में संस्कृति विभाग तथा उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज के कलाकारों द्वारा अण्डमान निकोबार के झूमेर व निकाबारी, पुडुचेरी के गराडी तथा मिनीकॉय द्वीप के बंदिया लोकनृत्य की मनोहरी प्रस्तुति दी गयी। समारोह में तीनों केन्द्र शासित प्रदेशों पर आधारित डाक्यूमेंट्री फिल्म भी प्रदर्शित की गयी।
इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये राज्यपाल ने 8 राज्यों एवं 5 केन्द्र शासित प्रदेशों के स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए समस्त लोक कलाकारों द्वारा किये गये प्रस्तुतीकरण की प्रशंसा की और कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों से संवाद स्थापित करते हुए कहा कि बच्चों को भी विभिन्न राज्यों के भ्रमण पर ले जाना चाहिए, क्योंकि जब तक हम प्रवास नहीं करते तब तक हमें विभिन्न राज्यों की कला एवं संस्कृति तथा रहन-सहन एवं खान-पान की जानकारी नहीं हो पाती। उन्होंने अध्यापकों से कहा कि वे बच्चों को भ्रमण के लिए प्रेरित करें और यदि किसी कारणवश भ्रमण पर न ले जा पाये ंतो तकनीकी का प्रयोग करते हुए उन्हें विभिन्न राज्यों की डाक्यूमेंट्री दिखाएं तथा पुस्तकों के माध्यम से चित्रांकन भी करायें। उन्होंने कहा कि यह प्रयास होना चाहिए कि जब भी हम किसी क्षेत्र के भ्रमण पर जायें वहां के स्थलों को ध्यान से देखें, लिपिबद्ध करें और बच्चों को भी प्रेरित करें। राज्यपाल जी ने वहां उपस्थित शिक्षकों तथा अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों को भ्रमण पर अवश्य ले जाएँ और वहां के संस्मरण उनसे लिपिबद्ध करायें। उन्होंने बच्चों से कहा कि आज आप सभी ने राजभवन का भ्रमण किया है। आप ने यहां जो भी अच्छा-बुरा देखा हो उसे लिखकर मुझे अवश्य भेजें। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु पठन-पाठन के साथ-साथ खेलकूद को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, क्योंकि शिक्षा वह है जो आपका सर्वांगीण विकास करे।
राज्यपाल ने अण्डमान निकोबार द्वीप समूह की चर्चा करते हुए कहा कि स्वतंत्रता आन्दोलन के समय हमारे अनेक स्वतंत्रता सेनानियों को सेलुलर जेल में रखा गया जहां उन्हें अनेक प्रकार की यातनाएं दी गयी। उन्होंने बताया कि सेलुलर जेल में वीर सावरकर 10 साल तक रहे। जेल में यातनाएं मिलने के बाद भी हमारे वीर सेनानियों ने हमेशा भारत माता की जय का ही नारा लगाया। राज्यपाल जी ने बताया कि यहां समुद्र में बने कई द्वीप समूह का नामकरण माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया गया है
समुद्र तट पर बसे लक्षद्वीप की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि लक्षद्वीप का प्राकृतिक वातावरण देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। वहां की पेयजल की व्यवस्था पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि समुद्र के खारे पानी के बीच वहां बनाये गये विशेष प्रकार के कुओं से मीठा पेय जल प्राप्त होता है।
राज्यपाल ने पुडुचेरी की चर्चा करते हुए कहा कि जिस प्रकार से शान्ति निकेतन में देश-विदेश के बच्चे बड़ी संख्या में पठन-पाठन के लिए आते हैं उसी प्रकार पुडुचेरी भी मेडिकल एजूकेशन का हब है। उन्होंने पुडुचेरी में स्थित ऑरेविले आश्रम को योग, आध्यात्म और साधना का केन्द्र बताया।
इस अवसर पर राजभवन भ्रमण पर ज्योतिर्मठ तोटकाचार्य गुफा चमोली गढ़वा, उत्तराखण्ड हिमालय से कमलेश्वरानन्द जी महाराज के नेतृत्व में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आये 10वीं व 12वीं कक्षा के 20 टॉपर बच्चों तथा टी0डी0 गर्ल्स इण्टर कालेज, गोमतीनगर, लखनऊ की 40 बालिकाओं ने भी राज्यों के स्थापना दिवस समारोह में भाग लिया।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे, विशेष सचिव राज्यपाल बी0एन0 सिंह, विधिक परामर्शी राज्यपाल प्रशांत मिश्रा, विशेष कार्याधिकारी (शिक्षा) पंकज जॉनी, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर की कुलपति प्रो0 वन्दना सिंह, वाराणसी के अभिनव पेशवानी, राजभवन के अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षकगण व बच्चे तथा अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।