लखनऊ (मानवी मीडिया) अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, गोमती नगर लखनऊ संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा संविधान दिवस के अवसर पर परिचर्चा का आयोजन दिनांक 26 नवम्बर, 2023 को किया गया। परिचर्चा का विषय: भारत और भारत का संविधान था। इस परिचर्चा में संस्थान के सदस्यों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया तथा संविधान दिवस के अवसर पर शपथ ग्रहण किया। परिचर्चा में भंते शील रतन , अरुणेश, भगवतदास शाक्य, निदेशक संस्थान डॉ० राकेश सिंह आदि अनेक वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। परिचर्चा के प्रारंभ में निदेशक संस्थान डॉ० राकेश सिंह द्वारा संस्थान का संक्षिप्त परिचय दिया गया तथा निदेशक संस्थान ने परिचर्चा के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारतीय संविधान सर्वोच्च मानवीय मूल्यों, उत्कृष्ट लोकतांत्रिक आदर्शों, कर्तव्यों व अधिकारों की पावन अभिव्यक्ति है। भगवतदास शाक्य उस बताया की हर भारतीय नागरिक के लिए 26 नवंबर संविधान दिवस बेहद गर्व का दिन है। कोई भी देश बिना संविधान के नहीं चल सकता। संस्थान के सदस्य तरुणेश ने कहा कि संविधान को पूरा होने में 2 साल 11 माह और 18 दिन का समय लगा था जिसके बाद यह 26 नवंबर 1949 में बनकर तैयार हुआ। इसके बाद इसे लागू होने में कुछ समय लगा। अंत में हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। अरुणेश ने बताया कि इस दिन का प्रमुख उद्देश्य संविधान की विशेषता को और इसके बारे में लोगों को जानकारी प्रदान करना है। 26 नवंबर 2949 संविधान सभा द्वारा इसको अंगीकार किया गया। अंत में निदेशक संस्थान डॉ० राकेश सिंह ने कार्यक्रम में आए हु गणमान्अतिथियों,बौद्ध भिक्षुओं, वक्ताओं एवं विद्वानों, छात्र-छात्राओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
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Sunday, November 26, 2023
अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान में संविधान दिवस के अवसर पर परिचर्चा
लखनऊ (मानवी मीडिया) अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, गोमती नगर लखनऊ संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा संविधान दिवस के अवसर पर परिचर्चा का आयोजन दिनांक 26 नवम्बर, 2023 को किया गया। परिचर्चा का विषय: भारत और भारत का संविधान था। इस परिचर्चा में संस्थान के सदस्यों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया तथा संविधान दिवस के अवसर पर शपथ ग्रहण किया। परिचर्चा में भंते शील रतन , अरुणेश, भगवतदास शाक्य, निदेशक संस्थान डॉ० राकेश सिंह आदि अनेक वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। परिचर्चा के प्रारंभ में निदेशक संस्थान डॉ० राकेश सिंह द्वारा संस्थान का संक्षिप्त परिचय दिया गया तथा निदेशक संस्थान ने परिचर्चा के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारतीय संविधान सर्वोच्च मानवीय मूल्यों, उत्कृष्ट लोकतांत्रिक आदर्शों, कर्तव्यों व अधिकारों की पावन अभिव्यक्ति है। भगवतदास शाक्य उस बताया की हर भारतीय नागरिक के लिए 26 नवंबर संविधान दिवस बेहद गर्व का दिन है। कोई भी देश बिना संविधान के नहीं चल सकता। संस्थान के सदस्य तरुणेश ने कहा कि संविधान को पूरा होने में 2 साल 11 माह और 18 दिन का समय लगा था जिसके बाद यह 26 नवंबर 1949 में बनकर तैयार हुआ। इसके बाद इसे लागू होने में कुछ समय लगा। अंत में हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। अरुणेश ने बताया कि इस दिन का प्रमुख उद्देश्य संविधान की विशेषता को और इसके बारे में लोगों को जानकारी प्रदान करना है। 26 नवंबर 2949 संविधान सभा द्वारा इसको अंगीकार किया गया। अंत में निदेशक संस्थान डॉ० राकेश सिंह ने कार्यक्रम में आए हु गणमान्अतिथियों,बौद्ध भिक्षुओं, वक्ताओं एवं विद्वानों, छात्र-छात्राओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
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