नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) कैश फॉर क्वैश्चन (पैसा लेकर सवाल) पूछने के विवाद में उलझी तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा ने बुधवार को कहा कि वह अपने खिलाफ आरोपों की जांच के लिए गुरुवार को संसद की आचार समिति के समक्ष उपस्थित होंगी लेकिन उन्होंने यह सवाल उठाया है कि क्या समिति आपराधिक प्रकृति के आरोपों की जांच कर सकती है।
वह अपने खिलाफ शिकायत करने वाले वकील और हलफनामा देने वाले उद्यमी से जिरह करना चाहती हैं। सुश्री मोइत्रा ने आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर को मंगलवार को प्रेषित पत्र को बुधवार को सोशल मीडिया पर जारी करते हुए लिखा कि चूंकि समिति ने उन्हें जारी समन को सार्वजनिक किया है, इसलिए वह समिति को लिखे अपने पत्र काे सार्वजनिक कर रही हैं।
उन्होंने लिखा है कि उनके खिलाफ शिकायत करने वाले वकील जय अनंत देहाद्रई और स्वत: हलफनामा दाखिल करने वाले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने आरोपों के संबंध में दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किये हैं, इसलिये उन्हें देहाद्रई और हीरानंदानी के साथ जिरह करने की अनुमति दी जाये। मोइत्रा ने कहा है कि शिकायतकर्ता देहाद्रई ने आरोपों के समर्थन में कोई दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किये हैं और उन्होंने मौखिक गवाही के समय भी कोई साक्ष्य नहीं दिया है।