सीतापुर : (मानवी मीडिया) अटरिया थाना क्षेत्र में दो दिन पूर्व नकली एसटीएफ टीम ने एक निजी फनस्पॉट पार्क रिजॉर्ट में छापा मारा फर्जी अधिकारियों ने वहां मौजूद मैनेजर व कर्मचारियों को अर्दब में लेकर 70 हजार रुपये ऐंठ लिए। इस फनस्पॉट के मालिक ने इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक सीतापुर को दी। इसके बाद एसपी के आदेश पर क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच शुरू की है।
सोमवार को जिले की क्राइम ब्रांच टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। वहीं स्थानीय पुलिस मामले को दबाने के प्रयास में जुटी रही थाना अटरिया क्षेत्र के नीलगांव मैं एक निजी फनस्पॉट पार्क बना है, जिसमें कई कमरे भी बने हुए हैं। बीते शनिवार दोपहर को करीब छह लोग एसटीएफ के फर्जी जवान बनकर एक सफेद रंग की कार से पार्क में पहुंच गए। वहां के कर्मचारी की मानें तो हथियार से लैस सभी लोग संस्थान के अंदर आ गए, जिसमें से एक पुलिस की वर्दी में था । अन्य सादी पोशाक में थे।
उन्होंने पार्क के कमरों में घुसना शुरू कर दिया। आधे घंटे से ज्यादा समय तक जांच के नाम पर उन्होंने अलमारी व अन्य दस्तावेजों को चेक किया। उनके आने से वहां मौजूद लोगों में अफरातफरी मच गई। सूत्रों के मुताबिक अपने को बचाने के लिए मैनेजर का पद संभाल रहे कर्मचारी ने छुट्टी पर गए मैनेजर को मामले की जानकारी दी।
इसके बाद कथित एसटीएफ टीम को 70 हजार की रिश्वत देकर मामले को सुलझाया। मामला तब प्रकाश में आया जब सोमवार को छुट्टी से वापस आए मैनेजर ज्ञानेंद्र यादव ने संस्था के मालिक को पूरी
अटरिया पुलिस मामले में पूरी तरह से बचती नजर आई। घटना के दो दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अनजान बनी रही। इस मामले में थानाध्यक्ष प्रदीप सिंह ने बिल्कुल ही इतर जवाब दिया। जहां एक तरफ एसपी ने घटना को स्वीकार किया। वहीं एसओ ने बताया कि पेड़ कटने की शिकायत मैनेजर ने की थी, जिस पर पुलिस जांच करने पहुंची थी।
फर्जीवाड़े की सूचना मिलने पर क्राइम ब्रांच की टीम को भेजा गया था। जांच की जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा। चक्रेश मिश्र, एसपी घटना बताई। मालिक ने एसपी से शिकायत की। पुलिस की साख पर दाग लगता देख जांच के लिए सोमवार को क्राइम ब्रांच की एक टीम अटरिया थाने पहुंची। टीम ने अटरिया थाने के एक दरोगा राजबहादुर सिंह के साथ मौके पर जाकर जांच की। कर्मचारियों ने यह भी बताया कि फर्जी टीम ने कुछ पर्यटकों से मारपीट भी की थी।