लखनऊ (मानवी मीडिया) राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की कार्यकारिणी की बैठक संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी की अध्यक्षता में आज संयुक्त परिषद के कार्यालय जिया मऊ लखनऊ में संपन्न हुई।
बैठक में लिए गए निर्णय का हवाला देते हुए संयुक्त परिषद की सचिव /महामंत्री अरुणा शुक्ला ने एक प्रेस विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि संयुक्त परिषद द्वारा प्रस्तावित 30 नवंबर के धरना प्रदर्शन कार्यक्रम पर विस्तार से चर्चा कर रणनीति बनाई गई ।
जे एन तिवारी ने कार्यकारिणी के सदस्यों को संबोधित करते हुए अवगत कराया की उच्च स्तर पर निर्णय के बावजूद भी कर्मचारियों की कई महत्वपूर्ण मांगों पर आदेश नहीं हो रहे हैं जिससे कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों पर मुख्य सचिव समिति निर्णय नहीं कर रही है, लैब टेक्नीशियन , फाइलेरिया निरीक्षक ,चकबंदी अधिकारी, आपूर्ति निरीक्षक, लिपिक संवर्ग की विसंगतियों पर अभी तक निर्णय नहीं हुआ है। 2001 के बाद संविदा पर रखे गए कर्मचारियों को नियमित करने की योजना भी ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है ।उन्होंने मुख्य सचिव को प्रस्ताव देते हुए अवगत कराया है कि विज्ञापित पदों के सापेक्ष निर्धारित चयन समिति के माध्यम से चयनित संविदा कर्मियों को नियमित करते हुए संविदा पर नियुक्ति की प्रक्रिया को तत्काल बंद कर देना चाहिए। आउटसोर्स कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन निर्धारण का मामला भी मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद भी श्रम एवं सूक्ष्म ,लघु ,मध्यम उद्योग के विभाग के बीच पेंडुलम बना हुआ है।खाद्य रसद विभाग के कर्मचारियों का संवर्ग पुनर्गठन ,लंबित पदोन्नतियां, एसीपी का लाभ दिए जाने, आईटीआई में कार्यरत कर्मचारियों/ अधिकारियों की पदोन्नति प्रक्रिया पूरी किए जाने, कीट संग्रह कर्ता, ईसीजी टेक्निशियन एवं इलेक्ट्रीशियन संवर्ग की सेवा नियमावली प्रख्यापित किए जाने, खाद्य रसद विभाग के आशु लिपिकों, सप्लाई क्लर्क्स की पदोन्नति किए जाने ,नगरीय परिवहन सेवाओं में कार्यरत संविदा चालक परिचालकों की सेवा का संरक्षण किए जाने ,एनपीएस से संबंधित केंद्र सरकार द्वारा किए गए संशोधनों को लागू किए जाने ,न्यूनतम पेंशन 50% निर्धारित किए जाने, एनपीएस से एक मुफ्त निकाले जाने वाली धनराशि को कर मुक्त किए जाने ,आशा बहू के निश्चित मानदेय में पारदर्शिता लाए जाने, मानदेय पर कार्यरत आशा बहू ,पीआरडी जवान, दैनिक वेतन मजदूर, पंचायतों के सफाई कर्मचारी , आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ,रसोईया, चौकीदार को न्यूनतम 15000 का मानदेय दिए जाने ,जनजाति विकास विभाग में कार्यरत संविदा शिक्षकों की संविदा राशि में संशोधन का आदेश कराए जाने ,प्राथमिक शिक्षकों के मेरिट आधारित स्थानांतरण में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम सिंड्रोम को दिव्यांग की श्रेणी में शामिल किए जाने ,संविदा कर्मियों के अनुरोध को स्वीकार करते हुए रिक्त पदों अथवा पारस्परिक स्थानांतरण की सुविधा दिए जाने, एनएचएम में कार्यरत संविदा कर्मियों का वेतन पुनरीक्षण किए जाने, प्रमुख सचिव के साथ पूर्व में हुई वार्ता का क्रियान्वन कराए जाने, संगठनों के अध्यक्ष महामंत्रियों के लिए एक वर्ष के स्थान पर 2 वर्ष का सचिवालय पास निर्गत कराए जाने ,पुरानी पेंशन की बहाली किए जाने, सहित दो दर्जन से भी अधिक मामले शासन के विभिन्न विभागों में लंबित पड़े हुए हैं ।विभागों के अपर मुख्य सचिव /प्रमुख सचिव/सचिव एवं विभाग अध्यक्ष मुख्य सचिव के लगातार आदेशों के बावजूद भी कर्मचारी संगठनों से वार्ता कर समस्याओं का निस्तारण नहीं कर रहे हैं ।इन सभी परिस्थितियों पर गहन चर्चा करने के बाद संयुक्त परिषद ने 30 नवंबर के धरना प्रदर्शन को सफल बनाने की पूरी तैयार के साथ रणनीति तैयार कर लिया है। संयुक्त परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारियों को मंडल स्तर का उत्तरदायित्व देते हुए धरना प्रदर्शन को सफल बनाने के निर्देश दिए गए हैं।आज की बैठक में संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी के अलावा वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण दुबे ,उपाध्यक्ष निरंजन कुमार श्रीवास्तव, फूड एंड सिविल सप्लाईज इंस्पेक्टर्स ऑफिसर्स एसोसिएशन के महामंत्री त्रिलोकी नाथ चौरसिया, प्राथमिक शिक्षक संघ अनुसूचित प्राथमिक शिक्षक प्रबंधक संगठन के अध्यक्ष सरोज पांडे, शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के संयोजक ओम प्रकाश पांडे, नगरीय परिवहन परिवहन सेवाएं उत्तर प्रदेश के महामंत्री गोविंद कुमार , फाइलेरिया निरीक्षक संघ के उपाध्यक्ष नितिन गोस्वामी, समाज कल्याण विभाग की प्रतिनिधि अरुणा ,इंद्रजीत सिंह , सहदेव सचान, आरके यादव, अमित कुमार वर्मा, कुसुम लता यादव , आशा कार्यकर्ता हेल्थ वर्कर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष कुसुम लता यादव, खाद्य रसद राजपत्रित कर्मचारी संघ के अध्यक्ष बिरेन्द्र बीर यादव, महामंत्री सहित अनेक कर्मचारी उपस्थित रहे