वाराणसी : (मानवी मीडिया) हार्ट अटैक आने पर मरीजों की जान बचाने में थ्रंबोलाइसिस (उपचार की विधि) की सुविधा वरदान साबित होगी। बड़े अस्पतालों में जाने से पहले ही सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों पर इस सुविधा से मरीजों की जान बचाई जा सकती है। इस प्रक्रिया से मरीज को करीब 24 घंटे की मोहलत मिल जाएगी। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ को आईएमएस बीएचयू में सोमवार से थ्रंबोलाइसिस का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सीएमओ कार्यालय में कार्यक्रम में स्वास्थ्य कर्मियों को जानकारी दी गई।
सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं मंडलीय, जिला अस्पताल में मरीजों को थ्रंबोलाइसिस दिया जाएगा। इसके बाद मरीज नजदीकी बड़े केंद्र पर जाकर एंजियोप्लास्टी और अन्य जरूरी उपचार करा सकेंगे। बीएचयू में हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो. धर्मेंद्र जैन ने बताया थ्रंबोलाइसिस में एक एंजाइम के जरिये रक्त में मौजूद थक्के को गलाया जाता है। इससे रक्त पतला होने लगता है और आसानी से धमनियों में संरचण कर पाता है।
राजकीय चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी ने बताया कि मरीज या घायल व्यक्ति की जान बचाने के लिए सीपीआर बहुत महत्वपूर्ण तरीका है। कार्यक्रम में डॉ. पायल सिंह, डॉ. अंजन श्रीवास्तव, डॉ. फाल्गुनी गुप्ता, डॉ. अजीत, डॉ. अतुल मौजूद रहे।