तीन राज्यों उड़ीसा बिहार एवं झारखंड के कंधमाल, गया, लोहरदगा, लखीसराय, खूंटी, व गिरिडीह जनपद के 200 की संख्या में पधारे जनजाति युवाओं को संबोधित करते हुए डॉक्टर बोरा ने कहा कि कार्यक्रम की सफलता तभी माना जाएगा जब आप यहां से जाने के बाद यहां की गतिविधियों एवं अच्छी बातों को अपने समाज में फैलाएंगे । जिससे जनजातीय समाज रास्ट्र की मुख्य धारा से जुड़ सके। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज आज भी अपनी भारतीय संस्कृति को जीवंत बनाये हुए हैं । बिरसा मुंडा जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के समय भी आदिवासी समाज में देश की आजादी मैं अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
इस अवसर पर उन्होंने सभी प्रतिभागियों को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र व उनका ग्रुप फ़ोटो फ्रेम वितरित किए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही नेहरू युवा केंद्र संगठन की उपनिदेशक डॉक्टर आराधना राज ने विगत 7 दिवसों में आयोजित गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में इन प्रतिभागियों को उनके गांव से यहां तक ले आने तथा यहां से उनके घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी पैरामिलिट्री फोर्सेस के जवानों को सौपी गई है। जो यहाँ उपस्थित हैं। डॉक्टर आराधना राज ने सभी पैरामिलिट्री के जवानों के साथ साथ कार्यक्रम में पधारे अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया तथा प्रतिभागियों के प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की।
कार्यक्रम का संचालन जिला युवा अधिकारी नेहरू युवा केंद्र विकास कुमार सिंह ने किया ।