पुडुचेरी : (मानवी मीडिया) पुडुचेरी की एकमात्र महिला विधायक और मंत्री एस. चंदिरा प्रियंगा ने जातिवाद, लैंगिक पूर्वाग्रह, साजिश और धन बल की राजनीति का आरोप लगाते हुए मंगलवार को एआईएनआरसी-भाजपा गठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, मुख्यमंत्री एन रंगासामी ने प्रियंगा के इस्तीफे के फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
आज जब पत्रकारों की एक टीम उनके कक्ष में उनके पास पहुंची, तो मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने आपको आमंत्रित नहीं किया है।” मुख्यमंत्री ने उनके सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया। प्रियंगा नेदुनकाडु से विधायक हैं। वह 2021 में 40 वर्षों से अधिक अंतराल के बाद पुडुचेरी में मंत्री बनने वाली पहली महिला थीं। इसके बाद उन्हें एन. रानागसामी के नेतृत्व वाली गठबंधन कैबिनेट में परिवहन विभाग सौंपा गया था।
प्रियंगा ने 2021 के विधानसभा चुनावों में एआईएनआरसी के टिकट पर कराईकल की नेदुनकाडु सुरक्षित सीट से जीत हासिल की थी। उन्होंने मंगलवार को अपने सचिव के माध्यम से त्यागपत्र मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने पत्र प्राप्त होने की पुष्टि की और कहा कि इसे मामले पर निर्णय लेने के लिए पत्र मुख्यमंत्री को भेज दिया गया है। प्रियंगा के त्यागपत्र की एक प्रति मीडिया में वितरित की गई।
उन्होंने अपने पत्र में कहा कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के बीच लोकप्रियता के कारण विधानसभा पहुंची थीं, लेकिन उन्हें एहसास हुआ कि "साजिश की राजनीति से पार पाना इतना आसान नहीं है और मैं धन बल के खिलाफ नहीं लड़ सकती।” प्रियंगा ने कहा कि उन्हें एहसास हुआ कि वह "जातिवाद और लैंगिक पूर्वाग्रह का शिकार हुई हैं।" उन्होंने कहा, "मुझे भी लगातार निशाना बनाया गया और मेरा मानना है कि मैं साजिश की राजनीति और धन-बल को एक निश्चित सीमा से आगे और बर्दाश्त नहीं कर सकती।"