लखनऊ (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए :-
प्रदेश के प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 02 निःशुल्क एल0पी0जी0 सिलेण्डर रिफिल प्रदान किये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 02 निःशुल्क एल0पी0जी0 सिलेण्डर रिफिल प्रदान किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 के त्रैमास अक्टूबर-दिसम्बर, 2023 तथा जनवरी-मार्च, 2024 में लाभार्थियों को पूर्णतया निःशुल्क सिलेण्डर रिफिल का वितरण कराया जाएगा। योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा 2,312 करोड़ रुपये की धनराशि वर्ष में व्यय की जाएगी।
प्रदेश में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत 1.75 करोड़ परिवारों को इस योजना के तहत आच्छादित किया जाएगा। इनमें से प्रथम चरण में आधार प्रमाणित लाभार्थियों को निःशुल्क एल0पी0जी0 सिलेण्डर रिफिल का वितरण किया जाएगा। तदोपरान्त जैसे-जैसे लाभार्थियों के आधार प्रमाणित होते जाएंगे, उसी क्रम में उन्हें उक्त योजनान्तर्गत आच्छादित करते हुए निःशुल्क सिलेण्डर का वितरण किया जाएगा।
योजना के तहत सर्वप्रथम लाभार्थी अपने स्तर से प्रचलित उपभोक्ता दर के अनुसार भुगतान कर 14.2 कि0ग्रा0 का सिलेण्डर रिफिल प्राप्त करेगा, जिसके 05 दिन के उपरान्त योजनान्तर्गत दी जाने वाली सब्सिडी उसके आधार प्रमाणित खाते में ऑयल कम्पनियों द्वारा अन्तरित की जाएगी।
यह योजना प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत निर्गत होने वाले केवल 01 कनेक्शन पर लागू होगी। राज्य सरकार के उपरोक्त जनकल्याणकारी कदम से लाभार्थियों में स्वच्छ ईंधन के प्रयोग करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। साथ ही, आर्थिक रूप से कमजोर लाभार्थियों को महंगाई से राहत मिलेगी एवं उन्हें आर्थिक सम्बल प्राप्त होगा।
मिर्जापुर, सोनभद्र व महराजगंज में जनजातीय संग्रहालय की स्थापना के सम्बन्ध में
मंत्रिपरिषद ने जनजातीय संग्रहालय की स्थापना हेतु जनपद मिर्जापुर में ग्राम अतरैला पाण्डेय, तहसील मड़िहान में 4.046 हेक्टेयर भूमि, जनपद सोनभद्र में ग्राम मारकुण्डी, तहसील राबर्ट्सगंज में 2.828 हेक्टेयर भूमि तथा जनपद महराजगंज में ग्राम कुन्सेरवा, तहसील-नौतनवां में 0.506 हेक्टेयर भूमि जो अद्यतन संस्कृति विभाग, लखनऊ के पक्ष में आवंटित है को समाज कल्याण विभाग के अधीन संचालित ‘अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, उत्तर प्रदेश लखनऊ (टी0आर0आई0)’ के पक्ष में आवंटित किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश में 15 अनुसूचित जनजातियां सूचीबद्ध हैं, जो प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में निवासरत हैं। इनमें भौगोलिक असमानता के साथ-साथ रीति-रिवाज, रहन-सहन, खान-पान, कला इत्यादि क्षेत्रों में पर्याप्त विविधता पायी जाती है, जिसे संरक्षित किया जाना आवश्यक है। इसके दृष्टिगत जनजाति बाहुल्य जनपदों मिर्जापुर, सोनभद्र व महराजगंज में जनजातीय संग्रहालय स्थापित किया जाना है। प्रश्नगत जनजातीय संग्रहालयों की स्थापना हेतु सम्बन्धित जिलाधिकारियों द्वारा भूमि संस्कृति विभाग लखनऊ को आवंटित की गयी है।
जनजातीय मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिनांक 11 जुलाई, 2023 को सम्पन्न बैठक में म्यूजियम हेतु प्रस्तावित भूमि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, उत्तर प्रदेश लखनऊ (टी0आर0आई0) के पक्ष में हस्तान्तरित करने की कार्यवाही पूर्ण कर लिये जाने का निर्णय लिया गया है।
संस्कृति विभाग, लखनऊ द्वारा प्रश्नगत जनजातीय संग्रहालय की स्थापना हेतु संस्कृति विभाग के पक्ष में आवंटित भूमि को मंत्रिपरिषद के अनुमोदन से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, उत्तर प्रदेश लखनऊ के पक्ष में आवंटित कराये जाने हेतु अपनी अनापत्ति प्रदान की गयी है। प्रत्येक जनजातीय संग्रहालय की स्थापना हेतु जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा सामान्यतः 15 करोड़ रुपये तक की केन्द्रीय सहायता प्रदान की जाती है। जनजातीय संग्रहालय के निर्माण हेतु राज्य सरकार पर कोई व्ययभार नहीं पड़ेगा।
जनजातीय संग्रहालय में जनजातीय जीवन से जुड़ी हुई जानकारियों, सूचनाओं, फिल्मों, चित्रों आदि के प्रदर्शन हेतु एक आधुनिक डिजिटल थियेटर व प्रदर्शनी कक्ष का निर्माण किया जायेगा। जनजातीय संग्रहालय की स्थापना से जनजातियों के जीवन परिवेश व कला का संरक्षण, पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ ट्राइबल आउटलेट्स के माध्यम से जनजातियों द्वारा उत्पादित एवं निर्मित उत्पादों के विक्रय से उन्हें आर्थिक लाभ भी होगा एवं उनके आत्मसम्मान में वृद्धि होगी।
उचित दर दुकानां में इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन सहित ई-पॉस मशीनों की स्थापना व संचालन सम्बन्धी प्रस्ताव स्वीकृत
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश की उचित दर दुकानां में इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन सहित ई-पॉस मशीनों की स्थापना व संचालन सम्बन्धी प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की व्यवस्था को नया आयाम प्रदान करते हुए प्रदेश की समस्त 79 हजार उचित दर दुकानों में नवीन एवं उन्नत ई-पॉस मशीनें जो ई-काँटें से लिंक रहेंगी की स्थापना व संचालन किये जाने हेतु सिस्टम इन्टीग्रेटर संस्थाओं का चयन खुली निविदा के माध्यम से किया गया है।
नवीन ई-पॉस मशीनें अद्यतन तकनीकी विशिष्टीकरण से युक्त हैं, जो 4-जी सिम से चलेंगी। यह मशीनें फिंगरप्रिन्ट एवं आईरिस स्कैनर से युक्त हैं। इन मशीनों से उचित दर विक्रेताओं को उनकी आमदनी बढ़ाने वाली अन्य कम्प्यूटरीकृत सेवाएं भी उपलब्ध करायी जा सकेंगी। इससे आमजनमानस स्थानीय स्तर पर लाभान्वित हो सकेगा।
भारत सरकार द्वारा इस व्यवस्था हेतु निर्धारित दर 21 रुपये प्रति कुन्तल के सापेक्ष प्रदेश में यह व्यवस्था अत्यधिक प्रतिस्पर्धी रेट 14.10 रुपये प्रति कुन्तल की दर से लागू की जाएगी, जो देशभर में भी न्यूनतम रेट हैं।
इस व्यवस्था से उन्नत ई-पॉस मशीनों के साथ-साथ ई-काँटें के लिंकेज से लाभार्थियों को पूर्ण मात्रा में खाद्यान्न का वितरण सुनिश्चित किया जा सकेगा एवं वितरण की मात्रा तत्काल ऑनलाइन विभागीय वेबसाइट पर प्रदर्शित भी होगी।
वितरण के समय लाभार्थियों को प्राप्त होने वाले खाद्यान्न की पावती भी व्यवस्था में सुनिश्चित की गयी है। इससे प्राप्त होने वाले खाद्यान्न का एस0एम0एस0 राशन कार्डधारक के पंजीकृत मोबाइल पर सम्प्रेषित किया जाएगा। इस प्रकार वितरण प्रणाली अत्यन्त प्रभावी, लाभार्थीपरक एवं पारदर्शी हो सकेगी।