(मानवी मीडिया) इससे पहले लांचिंग को कुछ घंटों के लिए टाल दिया गया था. लांचिंग के दौरान हुई कमी को दूर कर इसे लांच कर दिया गया है. सुबह साढ़े आठ बजे इसको लांच होना था लेकिन खराब मौसम की वजह से आज लांचिंग को रोक दिया गया था. इस दौरान, प्रथम ‘कू मॉड्यूल’ के जरिये अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का परीक्षण किया जाएगा. इसरो का लक्ष्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है.
फ्लाइट टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन-1 (टीवी-डी1)टेस्ट फ्लाइट चार परीक्षण उड़ानों में से पहला है. दूसरे शब्दों में, अगर क्रू मॉड्यूल में अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने वाले रॉकेट में कुछ गड़बड़ हो जाती है, तो उन्हें बचाना होगा, क्योंकि उनकी जान को खतरा है.
क्रू एस्केप सिस्टम को अंतरिक्ष यात्रियों को समुद्र में सुरक्षित रूप से नीचे लाकर उनके जीवन की रक्षा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. लड़ाकू विमान से बाहर निकलने वाले लड़ाकू पायलट की तरह, अंतरिक्ष यात्रियों के साथ क्रू मॉड्यूल अलग हो जाएगा और पैराशूट की मदद से समुद्र में गिर जाएगा. योजनाओं के अनुसार, भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन या गगनयान 2025 में होने की उम्मीद है और क्रू एस्केप सिस्टम का परीक्षण उसी का हिस्सा है.