बहराइच : (मानवी मीडिया) कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग में 50 बंदरों की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। वहीं इस मामले को दबाने को गंभीरता से लेते हुए डीएफओ ने एक फारेस्ट गार्ड को निलंबित करने के साथ एक वन दरोगा को मुख्यालय में अटैच कर दिया है। जबकि दो वाचर बर्खास्त कर दिए गए है।
डीएफओ स्वीकार कर रहे है कि दस से अधिक बंदरों को मारा गया है। इस मामले में केस दर्ज करवाकर कड़ी कार्रवाई की बात कही जा रही है। एक तरफ जहां वन विभाग की टीम जांच कर रही है वहीं डीएम ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई है। प्रदेश के वन मंत्री ने भी पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। वहीं साधु, संत व आम लोग इस घटना को लेकर आक्रोश प्रकट कर रहे है। मामले में दोषी विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
मिहीं पुरवा तहसील क्षेत्र के कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के मोतीपुर वन रेंज में खपरा वन चौकी के पास करीब 50 बंदरों को मारकर फेंक दिया गया था। सोशल मीडिया पर इस मामले का फोटो बृहस्पतिवार को वायरल होने के बाद हरकत में आए वन विभाग ने इसकी जांच के लिए कमेटी का गठन किया था। विभाग के मुताबिक यह मामला बीते 21 अगस्त का है।
इस खबर का प्रकाशन किया है। इसके बाद वन विभाग हरकत में आया और शुक्रवार को आला अधिकारी मौके पर पंहुचकर घटना का पता लगाने में जुटे गए हैं। सूत्रों ने बताया कि वन विभाग के अधिकारी घटनास्थल से कुछ दूरी पर बसे गांव के ग्रामीणों से मृत बन्दरों के बारे में जानकारी करने का प्रयास कर रहे हैं। डीएफओ आकाशदीप बधावन , एसडीएम नानपारा अजीत परेश व सीओ राहुल पांडेय के साथ माैके पर पहुंचकर जांच कर रहे है। विभाग की डॉग स्क्वायड टीम भी जांच में जुटी