अयोध्या : (मानवी मीडिया) श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के आमंत्रण पर रविवार को 400 से अधिक संत-धर्माचार्यों ने राममंदिर निर्माण की प्रगति देखी। रामजन्मभूमि परिसर से प्रगति देखकर लौटे संतों के चेहरे पर संतोष का भाव था। आंखें खुशी से सजल नजर आ रही थीं।
जय श्रीराम का उद्घोष उनका उत्साह प्रदर्शित कर रहा था। संत मंदिर की भव्यता से निहाल दिखे और बोले कि मंदिर के स्थापत्य कला में अयोध्या की मर्यादा, संस्कृति झलक रही है। यह अद्भुत और दुनिया के चुनिंदा मंदिरों में से एक होगा।
रविवार को सुबह 10 बजे संतों का जत्था रामजन्मभूमि परिसर में पहुंचा। निर्माणाधीन गर्भगृह में प्रवेश करते ही संत भावुक हो उठे। सभी ने उस स्थल पर सिर नवाया जहां रामलला विराजमान होंगे। इस पल को अविस्मरणीय बनाने के लिए संतों ने अपने मोबाइल में भी इस क्षण को कैद किया। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सभी संतों को मंदिर निर्माण के सभी कार्यों की जानकारी दी।
मंदिर से बाहर निकल रहे मंदिर आंदोलन के अहम किरदार पूर्व सांसद डॉ़ रामविलास दास वेदांती ने कहा कि रामभक्तों की कल्पना साकार हो रही है। जगद्गुरू रामदिनेशाचार्य बोले कि राममंदिर के साथ राष्ट्र मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।
महंत रामभूषण दास कृपालु भी उत्साहित थे। बोले कि मंदिर की प्रगति व भव्यता संतोषजनक है। मंदिर आंदोलन का अहम केंद्र रहा आचारी मंदिर के महंत विवेक आचारी ने भावुक हो कहा कि मंदिर आंदोलन के नायकों को आज सुखद अनुभूति हो रही होगी, उनका संघर्ष सफल जो रहा रहा है।