लखनऊ (मानवी मीडिया) उ0प्र0 कोआॅपरेटिव बैंक लि0, मुख्यालय लखनऊ के सर्वर को हैक कर, रू0 146 करोड के फ्राड आरटीजीएस करने वाले साइबर अपराधियों के संगठित गिरोह के रू0 25,000/-25,000/- के 02 पुरस्कार घोषित अपराधी लखनऊ से गिरफ्तार।
दिनांकः 06-09-2023 को एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को 18 महीने में लगभग 01 करोड रूपये खर्च कर, 03 हैकरों, 06 डिवाइस, 03 कीलागर साफ्टवेयर, 03 बैंक अधिकारियों की मदद से उत्तर प्रदेश कोआॅपरेटिव बैंक लि0, मुख्यालय लखनऊ के सर्वर को हैक कर, प्रबन्धक व कैशियर के लागिन आइडी पासवर्ड प्राप्त कर, सिस्टम को रिमोट एक्सिस पर लेकर एनएडी अनुभाग में खुले 07 खातों से 08 लेन-देन के माध्यम से रू0 146 करोड के आरटीजीएस करके ठगी करने वाले साइबर अपराधियों के संगठित गिरोह के रू0 25000/-25000/- के 02 पुरस्कार घोषित अपराधियों को लखनऊ से गिरफ्तार करने मे उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।
गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण:-
1- अमरेन्द्र कुमार सिंह उर्फ बबलू ठेकेदार पुत्र स्व0 कृष्ण मुरारी सिंह निवासी ग्रा0 व पोस्ट छिछोर, थाना हलधर पुर, जनपद मऊ।
2- सुनील कुमार यादव पुत्र श्याम बिहारी यादव निवासी 3/248 रामपुर, थाना रामनगर, जनपद वाराणसी। हाल पता- 3/1182 रामपुर, थाना रामनगर, जनपद वाराणसी।
बरामदगी-
1. 02 अदद आधार कार्ड।
2. 03 अदद मोबाइल फोन।
3. रू 3050/ नकद।
गिरफ्तारी का दिनांक, स्थान व समयः-
दिनांकः 06.09..2023, स्थानः फनमाल के सामने मेनरोड लखनऊ समयः 12:35 बजे।
दिनांक 16.10.2022 को अजय कुमार त्रिपाठी, सहायक महाप्रबन्धक, एन0ए0डी0 , उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक मुख्यालय, लखनऊ द्वारा साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, लखनऊ में मु0अ0सं0-28/2022, धारा 419/420/452 भा0द0वि0 एवं 66/66सी सूचना प्रद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम-2008 पंजीकृत कराया गया कि दि0 15-10-2022 को अपराह्न 2ः45 से 3ः25 बजे के मध्य उ0प्र0 कोआपरेटिव बंैक लि0 के एन0ए0डी0 अनुभाग में खुले जिला सहकारी बैंकों के 07 खातों से 08 लेन-देन के माध्यम से श्री विकास पाण्डेय, सहायक कैशियर एवं श्री मेवालाल प्रबन्धक की सीबीएस आईडी से अनाधिकृत तरीके से अन्य बैंक आईसीआईसीआई एवं एचडीएफसी के खातों में रू0 146.00 करोड़ आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से ट्रान्सफर किये गये हैं। जिसके क्रम में एस0टी0एफ0 मुख्यालय स्थित साइबर टीम द्वारा अभिसूचना संकलन कर दिनांक 31-10-2022 को पालीटेक्निक चैराहा लखनऊ से उपरोक्त अपराध में संलिप्त साइबर अपराधियों के संगठित गिरोह के 02 मास्टर माइण्ड सहित 05 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था।
उ0प्र0 कोआॅपरेटिव बैंक लि0 के सर्वर को हैकरों व बैंक अधिकारियों की मदद से हैक कर, रू0 146 करोड के फ्राड आरटीजीएस करने का प्लान तैयार कर हैकरों की व्यावस्था करने वाले अमरेन्द्र सिंह उर्फ बबलू व सुनील यादव जो तभी से फरार चल रहे थे, की गिरफ्तारी पर पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम उ0प्र0 लखनऊ द्वारा रू पच्चीस-पच्चीस हजार का पुरस्कार घोषित किया गया था।
जिसके क्रम में विशाल विक्रम सिंह अपर पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, उ0प्र0 के पर्यवेक्षण मे एस0टी0एफ0 मुख्यालय स्थित साइबर टीम द्वारा तकनीकी विषेषज्ञता व मुखबिर के माध्यम से अभिसूचना संकलन कर आज दिनांक 06-09-2023 को समय करीब 12ः35 बजे, फनमाल के सामने मेनरोड लखनऊ से उपरोक्त साइबर अपराधियों के संगठित गिरोह के रू0 25000/-25000/- के 02 पुरस्कार घोषित अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त अमरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 1994 में बीएचयू वाराणसी से बी0काम किया। इसके बाद वर्ष 2000 से 2018 तक जनपद मऊ में जिला पंचायत व पीडब्लूडी में ठेकेदारी का काम करता था। इसके बाद लखनऊ में जमीन की ब्रोकरी के काम के लिए आया। यहां पर मेरी मुलाकात सुनील यादव, रवी वर्मा, ज्ञानदेव पाल, धु्रव कुमार आदि से हुई। वर्ष 2021 में प्रापर्टी के काम में मेरी एक हैकर से मुलाकात हुई जो बैंक के डेड एकाउंट को हैक कर रूपये ट्रांसफर कर लेता था। तब मैंने यह बात सुनील कुमार यादव को बतायी तो सुनील ने रवी वर्मा, ज्ञानदेव पाल, व धु्रव से एक मीटिंग करायी। तब मैंने बताया कि मेरे पास एक हैकर है। यदि हम लोग बैंक के किसी अधिकारी को सेट कर लें तो बैंक के सिस्टम को रिमोट एक्सिस पर लेकर बैंक से करोड़ रूपये अपने फर्जी खातों में ट्रांसफर कर लंेगें। इसके बाद हम लोगों की मीटिंग भूपेन्द्र सिंह जो ज्ञान का जानने वाला था, के माध्यम से कर्मवीर सिंह सहायक प्रबन्धक, उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक लि0, महमूदाबाद से हुई। इसके बाद मैंने उस हैकर को मुम्बई व एक अन्य हैकर को कुषीनगर से बुलाया। उन हैकरों द्वारा कई अलग अलग डिवाइसें तैयार की गयीं, डिवाइसों को कर्मवीर सिंह व ज्ञानदेव पाल बैंक के सिस्टम में लगाते रहे। 08 बार प्रयास किया गया पर सफलता नही मिली। इसी बीच मैं काम से मऊ चला गया तब कुछ महीने बाद रवी व सुनील ने फोन कर बताया कि हम लोगों की मुलाकात रामराज जो कि लोक भवन में अनुभाग अधिकारी है, से हुई है, उन्होने एक हैकर उपलब्ध कराया है जो डिवाइस तैयार करेगा। इसके बाद मैं लखनऊ आ गया। रामराज द्वारा उपलब्ध कराये गये हैकर ने डिवाइस तैयार किया। रामराज की टीम में ही उमेश गिरी था जिसने आर0एस0दुवे (पूर्व बैंक प्रबन्धक) से सम्पर्क किया। दिनांक 14-10-2022 को आर0एस0दुवे, रवि वर्मा व ज्ञानदेव पाल सायः 6ः00 बजे के बाद बैंक गये। कीलागर इन्सटाल किया व डिवाइस लगायी। दिनांक 15.10.2022 को सुबह हम लोग (05 टीमों के लगभग 15-20 लोग के साथ) केडी सिंह बाबू स्टेडियम के पास पहुंचे। बैंक लंच के समय पर आर0एस0 दुवे बैंक के अन्दर गये तब ज्ञानदेव पाल, उमेश गिरी, रवी वर्मा, सुनील आदि ने मिलकर 146.00 करोड़ रूपये गंगासागर सिंह की कम्पनियों के अलग अलग खातों मंे आरटीजीएस के माध्यम से अलग अलग लोकेषन से ट्रन्सफर कर दिये। इसके पश्चात गैंग के सभी सदस्य ब्रेक प्वाइन्ट ढावा लखनऊ अयोध्या रोड़ बाराबकी पर गये। इसी बीच गंगासागर के एकाउंट फ्रीज हो गये। जिससे रूपये नही निकल पाये। जिसके बाद हम लोग लखनऊ से फरार हो गये थे सुनील कुमार यादव ने अमरेन्द्र सिंह द्वारा बतायी गयी बातों का समर्थन किया।
उपरोक्त गिरफ्तार अभियुक्तों को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, लखनऊ में पंजीकृत मु0अ0स0 28/2022 धारा 419/420/452/467/468/471/120 बी भा0द0वि0 व 43/66/66 सी सूचना प्रोद्यौगिकी अधिनियम में दाखिल किया गया।