लखनऊ (मानवी मीडिया) विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने रविवार को भारत-सऊदी निवेश फोरम के एक स्वागत समारोह में भाग लिया, जो सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की भारत की राजकीय यात्रा के अवसर पर आयोजित किया गया था। इसका उद्देश्य भारत-सऊदी अरब आर्थिक साझेदारी को एक नई गति देना था। विदेश राज्य मंत्री ने एक्स पर लिखा, "सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री, एचआरएच प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की राजकीय यात्रा के अवसर पर आयोजित भारत-सऊदी निवेश फोरम के रिसेप्शन में भाग लेने की खुशी है।"
इस दौरान उन्होंने कई सऊदी मंत्रियों से भी मुलाकात की और वहां भारत और सऊदी अरब के प्रमुख व्यापारिक व्यक्तियों की भागीदारी की सराहना की। साथ ही सऊदी मंत्री खालिद बिन अल-फलीह, निवेश मंत्री; माजिद बिन अल कसाबी, वाणिज्य मंत्री; अब्दुल्ला अलस्वाहा, आईटी मंत्री; बंदर अलखोरायफ, औद्योगिक और खनिज संसाधन मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि प्रमुख व्यापारिक व्यक्तियों की व्यापक भागीदारी देखकर अच्छा लगा।
गौरतलब है कि सऊदी अरब के प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद 9-10 सितंबर को होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए शुक्रवार को दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचे थे। भारत और सऊदी अरब के बीच सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं जो सदियों पुराने आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाते हैं। 1947 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद दोनों पक्षों की ओर से उच्च स्तरीय यात्राएँ हुईं। इसके अलावा, सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। भारत का 18 प्रतिशत से अधिक कच्चा तेल आयात सऊदी अरब से होता है। जबकि, वर्ष 2021-22 भारत की आजादी के 75 साल को 'आजादी का अमृत महोत्सव' के रूप में मनाता है। यह उत्सव भारत और सऊदी अरब के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के साथ भी मेल खाता है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)