लखनऊ (मानवी मीडिया) अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल में पीडियाट्रिक सर्जरी डिपार्टमेंट के डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी को अंजाम देते हुए 8 महीने के एक बच्चे की पूरी भोजन नली (आहार नली) का निर्माण किया है।
बच्चा नेपाल का रहने वाला है और जन्म से ही उसके शरीर में भोजन नली का निर्माण नहीं हुआ था। सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने भोजन नली का निर्माण करने के लिए बच्चे के पेट (आमाशय) का उपयोग किया। अहम बात ये हैं कि भोजन नली बच्चे के उम्र के साथ बढ़ती जाएगी।
जन्म से गंभीर समस्या से जूझ रहा था नवजात
डॉक्टरों ने बताया कि जन्म के समय बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और उसका रंग नीला पड़ गया था। बच्चे की मां ने उसे जो भी दूध पिलाया वह भोजन नली के अभाव में मुंह और नाक से बाहर आ गया था। बच्चा कुछ भी निगल नहीं सकता था। प्रारंभिक जांच से पता चला कि बच्चे का जन्म बिना भोजन नली के पैदा हुआ था। मेडिकल टर्म में इसे "प्योर एसोफेजियल एट्रेसिया" कहा जाता है।
अपोलोमेडिक्स के पीडियाट्रिक सर्जरी डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. दीपक कांडपाल की अगुवाई में चरणबद्ध सर्जरी कर, पहले बच्चे को दूध पिलाने के लिए सीधे पेट में एक ट्यूब लगाई गई और लार निकालने के लिए गर्दन में एक छेद बनाया गया।