प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कनाडा में उग्रवादी तत्वों की जारी भारत-विरोधी गतिविधियों के बारे में हमारी कड़ी चिंताओं से अवगत कराया। ये तत्व अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं, भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं, राजनयिक परिसरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और कनाडा में भारतीय समुदाय और उनके पूजा स्थलों को धमकी दे रहे हैं। संगठित अपराध, ड्रग सिंडिकेट और मानव तस्करी के साथ ऐसी ताकतों का गठजोड़ कनाडा के लिए भी चिंता का विषय होना चाहिए। ऐसे खतरों से निपटने के लिए दोनों देशों का आपस में सहयोग करना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि भारत-कनाडा संबंधों की प्रगति के लिए आपसी सम्मान और विश्वास पर आधारित संबंध आवश्यक है।
पीएम ट्रूडो ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी के साथ चर्चा के दौरान आतंकवाद और विदेशी दखल का मुद्दा उठा था। पिछले कुछ वर्षों में पीएम मोदी के साथ हमने इन दोनों मुद्दों पर कई बार बातचीत की है। कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अंतरात्मा की आजादी और शांतिपूर्ण विरोध की स्वतंत्रता का बचाव करेगा।
गौरतलब है कि भारत और कनाडा के बीच वैश्विक संबंध गहरे और महत्वपूर्ण हैं। यहाँ वस्त्र, फार्मा, तकनीकी उत्पादों, सेवाओं, और जीवसंचार के क्षेत्र में व्यापार और निवेश हो रहे हैं। साथ ही भारत और कनाडा के बीच वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी सहयोग हो रहा है। कनाडा में सांस्कृतिक आदिकार्यक्रम, जैसे कि बॉलीवुड फ़िल्मों के प्रदर्शन और भारतीय गीतों की संगीत कार्यक्रम, बड़े पैमाने पर आयोजित होते हैं। भारत और कनाडा संयुक्त राष्ट्र में भी सहयोग करते हैं और विभिन्न ग्लोबल मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण रखते हैं। इन सभी क्षेत्रों में, भारत और कनाडा के बीच संबंध मजबूत हैं और दोनों देशों के बीच सहयोग और समर्थन का विस्तार हो रहा है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)