लखनऊ (मानवी मीडिया)ऑपरेशन कनविक्शन में चिन्हित अभियोग की मा0 न्यायालय में प्रभावी पैरवी कर हत्या के अपराधी को मृत्यु
दण्ड एवं जुर्माने से दण्डित कराया गया।
कार्यवाही:-
पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 लखनऊ के आदेशानुसार प्रदेश में घटित होने वाले अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण रखने एवं अपराधियों को मा० न्यायालयों से अधिक से अधिक सजा कराने के दृष्टिगत मा0 न्यायालयों में सघन पैरवी हेतु चलाये जा रहे अभियान के क्रम में पुलिस आयुक्त एस. बी. शिरडकर एवं संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय कमिश्नरेट लखनऊ आकाश कुलहरि के आदेश अनुपालन में पुलिस उपायुक्त मध्य अपर्णा रजत कौशिक, अपर पुलिस उपायुक्त मध्य मनीषा सिंह, सहायक पुलिस आयुक्त महानगर सुश्री नेहा त्रिपाठी के निर्देशन में, प्रभारी निरीक्षक हसनगंज राज कुमार व उनकी टीम द्वारा सजा कराये जाने हेतु चिन्हित किये गये मु0अ0सं0 - 350/2012 धारा 302/307 भादवि एवं मु0अ0सं0- 358 / 2012 धारा 4/25 आर्म्स एक्ट में मा0 न्यायालय में प्रभावी पैरवी कर गवाहों को समय से मा० न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कराकर दोहरी हत्या करने वाले अपराधी गब्बर उर्फ सोहराब अली पुत्र इतवारी हुसैन निवासी हलवासिया हाता थाना हसनगंज लखनऊ को मृत्यु दण्ड व जुर्माने से दण्डित कराया गया। कार्यवाही का संक्षिप्त विवरण:-
वादी मुकदमा हरि प्रकाश तिवारी पुत्र स्व0 रामस्वरूप तिवारी निवासी ग्राम भुरा टिकुर थाना कोतवाली देहात जनपद हरदोई हालपता- हलवासिया हाता फैजाबाद रोड थाना हसनगंज लखनऊ के द्वारा दिनांक 09.10.2012 को अभियुक्त गब्बर उर्फ सोहराब अली पुत्र इतवारी हुसैन उपरोक्त के द्वारा वादी की पत्नी उर्वशी व वादी के मित्र ओम प्रकाश को रामकृष्णमठ जाने वाले रास्ते पर चाकू से वार कर घायल कर देना जिनकी मृत्यु ट्रामा सेन्टर में हो जाने के सम्बन्ध में मु0अ0सं0- 350/2012 धारा 307/302 भादवि थाना हसनगंज पर पंजीकृत किया गया था। जिसकी विवेचना तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक हसनगंज द्वारा सम्पादित करते हुये आरोप पत्र संख्या-181 दिनांक 22.11.2012 को मा0 न्यायालय प्रेषित किया गया था। अभियुक्त के पास से बरामद आला कत्ल चाकू की बरामदगी के आधार पर मु0अ0सं0 358/2012 धारा 4/25 आर्म्स एक्ट पंजीकृत किया गया था। जिसमें बाद विवेचना आरोप पत्र संख्या 155 दिनांक 22.10.2012 को मा0 न्यायालय प्रेषित किया गया था। दोनों अभियोग मा0 न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश चतुर्थ लखनऊ न्यायालय में विचाराधीन थे। उच्चाधिकारीगण से प्राप्त निदेशानुसार प्रभारी निरीक्षक हसनगंज द्वारा उक्त अभियोग के अपराधी को शीघ्र सजा कराये जाने हेतु चिन्हित किया गया एवं मा0 न्यायालय में प्रभावी पैरवी कर सभी गवाहों को समय से मा० न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। मा० न्यायालय द्वारा गवाहों को परीक्षित कर अभियुक्त गब्बर उर्फ सोहराब अली को मु0अ0स0 - 350/2012 धारा 307/302 भादवि में दोष सिद्ध करते हुये मृत्यु दण्ड की सजा एवं 5000/- रूपये के जुर्माने, जुर्माना अदा न करने पर 02 माह का अतिरिक्त कारावास एवं मु0अ0सं0- 358/2012 धारा 4/25 आर्म्स एक्ट में एक वर्ष कारावास, 500/- रूपये जुर्माना, जुर्माना न अदा करने पर 15 दिवस का अतिरिक्त कारावास के दण्ड से दण्डित किया गया।