तमिलनाडु : (मानवी मीडिया) मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन सनातन धर्म को लेकर विवाद विवादित बयान दिया है. जिसको लेकर हंगामा शुरू हो गया है. उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से करते हुए इस खत्म किए जाने की बात कही. उदयानिधि ने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है. इसलिए कुछ चीजों का सिर्फ विरोध नहीं किया जा सकता है बल्कि उन्हें खत्म करना होगा.
उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं करते हैं, बल्कि इसे खत्म करना होगा. इसी तरह से सनातन धर्म को भी खत्म करना चाहिए. बता दें कि उदयनिधि स्टालिन तमिलनाडु सरकार में युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री हैं. उन्होंने कहा कि सनातन शब्द संस्कृत से है. इसे खत्म किया जाना चाहिए.
उदयनिधि के इस बयान पर बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे और डीएमके सरकार के मंत्री उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से कर रहे हैं. वो इसे खत्म करना चाहते हैं. इसका मतलब है कि वे 80 फीसदी आबादी के नरसंहार की बात कर रहे हैं. डीएमके विपक्ष का एक प्रमुख दल है. क्या मुंबई की बैठक में इसी पर सहमति बनी थी.
वहीं उदयनिधि स्टालिन अपने बयान पर अब भी अड़े हैं. उन्होंने कहा कि कभी भी सनातन धर्म के अनुयायियों के नरसंहार का आह्वान नहीं किया. उन्होंने कहा कि अब भी वह अपने शब्दों पर कायम हैं.
उन्होंने कहा कि वह हाशिए पर पड़े समुदाय की ओर से बोल रहे हैं, जो सनातन धर्म के कारण पीड़ित और परेशान हैं. उन्होंने ये भी कहा कि वह अपने इस बयान के लिए किसी भी कानूनी चुनौती के लिए भी तैयार हैं. डीएमके सामाजिक न्याय और समतावादी समाज की स्थापना के लिए हमेशा संघर्ष करेगी.