लखनऊ : (मानवी मीडिया) प्रदेश सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए स्मार्ट बजट बनाने की तैयारी के निर्देश सभी विभागों को दिए हैं। एक तरफ स्टाफ के बढ़ते खर्च का बोझ घटाने के लिए कहा गया है तो दूसरी तरफ प्रशासनिक स्टाफ की समीक्षा के निर्देश भी विभागीय प्रमुखों को दिए गए हैं। सभी विभागों से कंजूसी बरतने के लिए कहा गया है।
कबाड़ हो रहे उपकरणों के इस्तेमाल के निर्देश दिए गए हैं और नई खरीद पर नियंत्रण के लिए कहा गया है। सभी विभागों सेे कहा गया है कि शासकीय ढांचे का पुनर्गठन करें। रिपोर्ट बनाए कि लाभार्थी तक पहुंचने वाले डिलीवरी सिस्टम पर कितना खर्च आ रहा है। नई गाड़ियों की खरीद तभी होगी, जब शासन अनुमोदन करेगा। संविदा पर कर्मचारियों की नियुक्ति पर भी नियंत्रण किया जाएगा। इसके लिए संविदा कर्मचारियों की भर्ती के बजाय काम को ही संविदा पर कराने के लिए कहा गया है।
बजट को नियंत्रित रखने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। एक तरफ विकासपरक और जनता से जुड़ी योजनाओं पर अधिक खर्च किया जा रहा है तो दूसरी तरफ अनुपयोगी खर्चों को नियंत्रित करने की कवायद की जा रही है। इसी क्रम में सभी विभागों के प्रमुखों से अगले साल के बजट में कुछ अहम बिंदुओं पर ध्यान देने के लिए कहा गया है। किसी काम के लिए एकमुश्त बजट के आवंटन में सावधानी बरतने को कहा गया है। अपरिहार्य मामलों में एकमुश्त बजट की जरूरत को तार्किक रूप से लिखित में समझाना होगा।
बकाया वसूली को गंभीरता से लेते हुए कहा गया है कि जिन विभागों में वसूली की रकम कम है और विभागीय खर्च ज्यादा हैं उन की न केवल समीक्षा की जाए बल्कि सख्त कार्यवाही भी करें। नई गाड़ियों की खरीद पर अंकुश लगाते हुए निर्देश दिए गए हैं कि बजट में नई गाड़ियों की खरीद को न शामिल करें। तमाम विभाग केन्द्र और राज्य सरकार के अतिरिक्त अन्य योजनाओं से मिलने वाले धन से गाड़ियों को खरीद लेते हैं। इस पर भी रोक लगा दी गई है। नई गाड़ी तभी खरीदी जा सकेगी, जब शासन से अनुमति मिलेगी।
बकाया वसूली को गंभीरता से लेते हुए कहा गया है कि जिन विभागों में वसूली की रकम कम है और विभागीय खर्च ज्यादा हैं उन की न केवल समीक्षा की जाए बल्कि सख्त कार्यवाही भी करें। नई गाड़ियों की खरीद पर अंकुश लगाते हुए निर्देश दिए गए हैं कि बजट में नई गाड़ियों की खरीद को न शामिल करें। तमाम विभाग केन्द्र और राज्य सरकार के अतिरिक्त अन्य योजनाओं से मिलने वाले धन से गाड़ियों को खरीद लेते हैं। इस पर भी रोक लगा दी गई है। नई गाड़ी तभी खरीदी जा सकेगी, जब शासन से अनुमति मिलेगी।