शिक्षा शास्त्र विभाग लविवि में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व शोधः वर्तमान समय की मॉग' विषय पर विशिष्ठ व्याख्यान का किया गया आयोजन - मानवी मीडिया

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Friday, September 8, 2023

शिक्षा शास्त्र विभाग लविवि में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व शोधः वर्तमान समय की मॉग' विषय पर विशिष्ठ व्याख्यान का किया गया आयोजन

 

लखनऊ (मानवी मीडिया) शिक्षा शास्त्र विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व शोधः वर्तमान समय की मॉग' विषय पर विशिष्ठ व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आरम्भ में विभाग के विभागाध्यक्ष एवं संकायाध्यक्ष प्रो० दिनेश कुमार द्वारा प्रो० ए०एन० राय (पूर्व कुलपति नार्थ इस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, शिलांग एवं पूर्व निदेशक, नैक) का स्वागत किया गया।

अपने व्याख्यान के आरम्भ में प्रो० राय ने अपने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किये गये कार्यों का उल्लेख किया। प्रो० राय ने शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता को कायम रखने के लिए चार बिन्दुओं के बारे में चर्चा की। उनके अनुसार तकनीकी का प्रसार बहुत तेजी से हो रहा है, जो आने वाले समय में युवा शिक्षकों के लिए इससे सामंजस्य और तालमेल बिठाना चुनौतीपूर्ण होगा। वर्तमान समय में शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता एक चिन्तनीय विषय है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि अधोमानक शिक्षकों की उत्पत्ति हो रही है। प्रो० राय ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए तकनीकी का समुचित प्रयोग लगातार सीखने के लिए तत्पर रहना और ज्ञान - आधारित राष्ट्रीय नेटवर्क के प्रयोग करने की बात की और साथ में यह भी कहा कि शिक्षा में असमानता को दूर करने के लिए सरकार को प्राइवेट शिक्षा संस्थाओं के लिए वित्त सहायता की व्यवस्था करनी चाहिए।

दूसरे मुख्य अतिथि प्रो0 अनिल शुक्ला (कुलपति, महार्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर) ने अपने व्यख्यान में उच्च शिक्षा में शोध कार्यों की गुणवत्ता के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शोध देश और समाज के लिए उपयोगी हो। इसलिए शोध शीर्षक समाज, संस्कृति और देश के परिप्रेक्ष्य में होना चाहिए और शोधार्थी को देश-विदेश में हो रहे तकनीकी उन्नति और बदलते परिवेश को ध्यान में रखना चाहिए। शिक्षा का उद्देश्य देश व समाज की उन्नति और कल्याण के अनुसार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा में प्रशिक्षक की नहीं बल्कि शिक्षक की आवश्यकता है। शिक्षा प्रतियोगात्मक नहीं बल्कि सहयोगात्मक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में क्षमता निर्माण होना चाहिए जिससे अच्छे शिक्षकों का निर्माण और शिक्षा व्यवस्था में अभूतपूर्व बदलाव लाया जा सकें।

कार्यक्रम के अन्त में प्रो० दिनेश कुमार ने दोनो अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में डॉ० हेमेन्द्र कुमार सिंह, डॉ० नीतू सिंह और डॉ० सूर्य नारायण गुप्ता सहित अन्य संकाय सदस्य उपस्थित रहे।


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