प्रयागराज (मानवी मीडिया)शुक्रवार को रेल बोर्ड द्वारा जारी विज्ञापन नीति में पर्याप्त फेरबदल किया गया है। अभी तक रेल बोर्ड अपने जनसम्पर्क विभाग के माध्यम से स्थानीय विज्ञापन एजेन्सियों से विज्ञापन की डिजाइन बनवाकर स्थानीय व बाहरी समाचार पत्रों में प्रकाशित कराता था तथा अवकाश के दिनों या कार्यालय समय के बाद भी तत्काल निविदाओं को समाचार पत्र में अनुरोध करके प्रकाशित कराता था, जिससे समय से व सुचारू रूप से कार्य चल रहा था, लेकिन अचानक रेल बोर्ड द्वारा जारी विज्ञापन नीति में अब रेलवे के विज्ञापन डीएवीपी द्वारा प्रकाशित कराये जाने की बात की गई है और तत्काल निर्देश भी दे दिया गया है जो सभी रेलवे को प्राप्त हो गया है।
उक्त निर्देश से स्थानीय समाचार पत्र एवं विज्ञापन एजेसियों के लाखों-करोड़ों लोगों के सामने
बेरोजगारी का संकट उत्पन्न हो जायेगा जिससे बेरोजगारी की स्थिति और भी गंभीर हो जायेगी, जिससे
इनके परिवार के समक्ष भुखमरी का संकट उत्पन्न हो जायेगा । अतः महोदय से निवेदन है कि उक्त बातों को संज्ञान में लेकर उचित कार्यवाही लेने की कृपा करें तथा पूर्ववत व्यवस्था लागू करने की कृपा करें जिससे लाखों-करोड़ों परिवार को बेराजगार होने से बचाया जा सके। ऐसे निर्णयों से आदरणीय प्रधानमंत्री जी एवं भारत सरकार दोनों की छवि धूमिल होती है। जिससे आपका गरीब और आम मतदाता भी प्रभावित होगा, जो आपके हित में काम नहीं कर पायेगा । अतः अनुरोध है कि माननीय प्रधानमंत्री जी इस निर्णय में हस्तक्षेप कर संबंधित विभाग को निर्देशित करें कि उक्त पालिसी को निरस्त कर पूर्व की भांति यथावत रखते हुये भविष्य में ऐसी नीतियां न बन पाये, जिससे सरकार की छवि धूमिल हो ।