रांची : (मानवी मीडिया) झारखंड के धनबाद जिले में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए वहां एक अक्टूबर से कठोर अथवा नरम नयी कोयला इकाई स्थापित करने पर रोक लगाई जाएगी। राज्य प्रदूषण बोर्ड के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जेएसपीसीबी) ने इस संबंध में सप्ताह की शुरुआत में एक आदेश जारी किया
जेएसपीसीबी के सदस्य सचिव वाईके दास ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया ,‘‘ यह अस्थाई रोक है और तब तक जारी रहेगी जब तक कि धनबाद जिले में वायु गुणवत्ता सूचकांक केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित मानक के दायरे में नहीं आ जाता।’’ उन्होंने कहा कि इस आदेश का असर वर्तमान में जिले में मौजूद कठोर अथवा नरम नयी कोयला इकाइयों पर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ दिशानिर्देशों के अनुरूप ये इकाइयां कामकाज करती रहेंगी।’’ जेएसपीसीबी द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, ‘‘स्थापना सहमति (सीटीई) मांगने वाले आवेदन 30 सितंबर तक स्वीकार किए जाएंगे, इनकी समीक्षा की जाएगी। यदि उनमें कोई त्रुटि पाई गई तो आवेदन रद्द कर दिए जाएंगे और उनमें आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।’’
धनबाद के ‘इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन’ (आईसीए) के अनुसार जिले में लगभग 125 कोठर और 25 नरम कोयला इकाइयां हैं। आईसीए अध्यक्ष बीएन सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि इस निर्णय का असर कठोर कोयला इकाइयों पर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘कोयले की आपूर्ति न होने के कारण उद्योग पहले ही बुरे दौर से गुजर रहा है। कुल 125 में से केवल 90 इकाइयां वर्तमान में काम कर रही हैं।’’
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत केंद्र द्वारा 2019 में चुने गए खराब वायु गुणवत्ता वाले 102 शहरों में धनबाद भी शामिल है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य 2024 तक हवा में घुले धूल के कणों पार्टीकुलेट मैटर (पीएम)-10 और पीएम-2.5 की सांद्रता को 30 प्रतिशत तक कम करना है।