कैलिफोर्निया : (मानवी मीडिया) नासा के जेम्स वेब टेलिस्कोब को सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति के बर्फीले चंद्रमा यूरोपा से कार्बन डाइऑक्साइड निकलने का सुराग मिला है। यूरोपा पर कार्बन की मौजूदगी ने इस उपग्रह पर जीवन की संभावना को बढ़ा दिया है। बता दें कि बृहस्पति के इस चांद की सतह पर बर्फ की 16 किलोमीटर मोटी परत मौजूद है, जिसके नीचे समुद्र भी है। इसी बर्फीली परत के ऊपर कार्बन डाईऑक्साइड के घेरे को आते-जाते देखा गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि सौर मंडल में अगर कहीं जीवन खोजने की शुरुआत की जा सकती है, तो यूरोपा सबसे उपयुक्त जगह मानी जाती है।
बता दें कि वैज्ञानिकों को काफी समय से इस बात का पता तो था कि यूरोपा की बर्फीली परत के नीचे समुद्र मौजूद है, लेकिन यह नहीं पता था कि यह पानी जीवन के पनपने के लिए उपयुक्त है या नहीं। हालांकि अब इसमें कार्बन पाए जाने के बाद यहां जीवन पनपने की संभावना नजर आने लगी है। ऐसा माना जाता है कि कुछ स्तर तक विपरीत परिस्थितियों में में भी कुछ जीव रह लेते हैं। यूरोपा का तापमान माइनस 140 डिग्री सेल्सियस तक जाता है और इसके समंदर 64 से 160 किलोमीटर तक गहरे हैं, और वैज्ञानिक इसी के 16 से 24 किलोमीटर के बीच में जीवन की खोज की कोशिश कर रहे हैं।