(मानवी मीडिया) मंत्रिपरिषद ने गुड़/खाण्डसारी इकाईयों हेतु उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी अधिनियम, 1964 की धारा 17 के खण्ड ;पपपद्ध के उपखण्ड (ख) के द्वितीय परन्तुक के अधीन चीनी वर्ष 2022-2023 के लिए समाधान योजना लागू किए जाने के सम्बन्ध में प्रस्तुत प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी अधिनियम, 1964 की धारा 17 (3) (ख) के प्राविधानों के अन्तर्गत अधिसूचित कृषि उत्पाद के क्रय-विक्रय पर मण्डी शुल्क एवं विकास सेस वसूल किया जाता है।
खाण्डसारी उद्योग को बढ़ावा देने एवं मण्डी शुल्क की प्रभावी वसूली के उद्देश्य से वर्ष 1995-96 में गुड़/खाण्डसारी की क्रेशर इकाईयों हेतु मण्डी शुल्क समाधान योजना लागू की गयी थी, जिसका समय-समय पर विस्तार होता रहा है। अन्तिम बार अधिसूचना संख्या-20/2019/1328/80-1-2019- 600 (20)/1994 दिनांक 25 अक्टूबर, 2019 द्वारा यह योजना चीनी वर्ष 2019-20 से 2021-22 के लिये लागू की गयी थी।
चीनी वर्ष 2021-2022 में 2.00 प्रतिशत मण्डी शुल्क एवं 0.5 प्रतिशत विकास सेस के आधार पर निर्धारित प्रशमन राशि के स्थान पर चीनी वर्ष 2022-23 में 1.00 प्रतिशत मण्डी शुल्क एवं 0.5 प्रतिशत विकास सेस के आधार पर पूर्व निर्धारित प्रशमन राशि, जिसमें मण्डी शुल्क को आधा करते हुए तथा विकास सेस को पूर्व निर्धारित प्रशमन राशि के समान रखते हुए 10 प्रतिशत बढ़ोत्तरी के साथ चीनी वर्ष 2022-23 के लिए के लिए गुड़/खाण्डसारी की क्रेशर इकाईयों हेतु मण्डी शुल्क समाधान योजना लागू की जा रही है।
उत्तर प्रदेश में गुड़ एवं खाण्डसारी उद्योग का सीधा सम्बन्ध गाँव में रहने वाले लाखों किसानों और मजदूरों से है। इकाईयां ग्रामीण क्षेत्र में ही रोजगार उपलब्ध कराकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में योगदान करती हैं।
उत्तर प्रदेश में गुड़ एवं खाण्डसारी उद्योग का सीधा सम्बन्ध गाँव में रहने वाले लाखों किसानों और मजदूरों से है। इकाईयां ग्रामीण क्षेत्र में ही रोजगार उपलब्ध कराकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में योगदान करती हैं।
समाधान योजना के फलस्वरूप खाण्डसारी इकाईयों को प्राप्त हो रही राहत के परिणाम स्वरूप गन्ना किसानों को भी लाभ प्राप्त होता है।
समाधान योजना के लागू किये जाने से खाण्डसारी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा तथा किसानों को उनकी उपज का प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य प्राप्त होगा एवं मजदूरों के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
समाधान योजना के लागू किये जाने से खाण्डसारी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा तथा किसानों को उनकी उपज का प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य प्राप्त होगा एवं मजदूरों के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।