राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने 16 अक्टूबर से आंदोलन पर जाने की दी नोटिस - मानवी मीडिया

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Wednesday, September 27, 2023

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने 16 अक्टूबर से आंदोलन पर जाने की दी नोटिस

 

लखनऊ (मानवी मीडिया) राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज संयुक्त परिषद के कार्यालय 504 शालिग्राम अपार्टमेंट, जिया मऊ में एक प्रेस वार्ता कर कर्मचारियों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा किया। उन्होंने अवगत कराया कि मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव कर्मचारियों की न्याय उचित मांगों पर संवेदनशील है तथा समय-समय पर वार्ता कर निर्णय भी कर रहे हैं, परंतु विभागीय अधिकारी उच्च आदेशों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं जिसके कारण विभिन्न विभागों के कर्मचारियों में रोष उत्पन्न हो रहा है। मुख्यमंत्री  ने आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन देने, उनका शोषण नहीं किए जाने, रिक्त पदों को युद्ध स्तर पर भरे जाने तथा हर हाल में 30 सितंबर तक पदोंतियां किए जाने के निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री  के निर्देशों के बावजूद भी आउटसोर्स कर्मचारी का न्यूनतम वेतन अभी तक निर्धारित नहीं हुआ है। विभिन्न विभागों में अधिकारी अपनी-अपनी चाहते सेवा प्रदाता कंपनियों के माध्यम से अलग-अलग मजदूरी दे रहे हैं, जिससे आउटसोर्स कर्मचारी का शोषण हो रहा है। समाज कल्याण विभाग में जनजाति विकास विभाग के अंतर्गत आठ संविदा शिक्षकों की संविदा समाप्त करने की नोटिस दे दी गई है, जबकि मुख्यमंत्री  के निर्देश है कि किसी भी कर्मचारी का शोषण नहीं किया जाएगा। इसी तरह से स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास विभाग, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विभाग, खाद्य रसद विभाग, वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, में कर्मचारियों की समस्याएं लंबित है। अधिकारी विभागीय संगठनों से वार्ता नहीं कर रहे हैं। रिक्त पदों को भरा नहीं जा रहा है, पदोन्नति नहीं की जा रही है। यह सब अधीनस्थ विभागों के अधिकारी जानबूझकर कर रहे हैं ताकि कर्मचारी संगठन चुनावी वर्ष में नाराज होकर आंदोलन पर चले जाएं। विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव को मुख्य सचिव स्तर से लगातार निर्देश दिए जाने के बावजूद भी विभागीय संगठनों की मांगे लगातार उपेक्षा का शिकार है। वित्त विभाग में नई पेंशन योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा किए गए संशोधनों को उच्च निर्णय के बाद भी नहीं लागू किया जा रहा है। फाइलेरिया निरीक्षक, लैब टेक्नीशियन, आपूर्ति निरीक्षक, खाद्य निरीक्षक, ईसीजी टेक्नीशियन, इलेक्ट्रीशियन, कीट संग्रह करता, चकबंदी अधिका

 संवर्ग की वेतन विसंगतियों पर निर्णय नहीं हो रहा है। शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर 300 दिनों का अवकाश दिए जाने का मामला भी वित्त विभाग के कारण लंबित है। 2001 के बाद से सृजित पदों के सापेक्ष चयन समिति के माध्यम से चयनित संविदा शिक्षकों/कर्मचारियों की विनियमितीकरण की प्रक्रिया ठप्प पड़ी हुई है। यही स्थिति कमोबेश राजस्व विभाग, सूक्षा, लघु मध्यम उद्योग विभाग, श्रम विभाग, पंचायती राज विभाग की भी है। खाद्य एवं रसद विभाग में रिक्त पदों को भरे जाने एसीपी का लाभ दिए जाने केडर रिव्यू किए जाने, लिपिकीय संवर्ग की पदोन्नति किए जाने उनका कोटा बढाए जाने का प्रकरण उच्च स्तर पर निर्णय के बावजूद भी लंबित पड़ा हुआ है। समाज कल्याण विभाग के संविदा शिक्षकों को नियमित किए जाने, विभाग में कार्यरत संविदा महिला शिक्षकों के लिए बाल शिशु अवकाश की व्यवस्था किये जाने, चिकित्सा अवकाश दिये जाने, संविदा राशि में संशोधन का आदेश 6 मार्च 2023 से लागू किये जाने, सूचित प्राथमिक विद्यालयों को अनुदान सूची में लिए जाने जैसे प्रकरण भी लंबित पड़े हुए हैं। नगर विकास विभाग के अधीन संचालित महानगरीय सेवाओं में जर्जर सिटी बसों की व्यवस्था को दुरुस्त किए जाने का लगातार अनुरोध भी विभागीय अधिकारी अनसुना कर रहे हैं जिसके कारण संविदा चालकों परिचालकों को नियमित ड्यूटी नहीं मिल रही है।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि अधीनस्थ विभागों में मांगों के लंबित रहने के कारण संयुक्त परिषद ने 16 अक्टूबर से आंदोलन करने का निर्णय लिया है। आंदोलन चार चरणों में होगा। पहले चरण में 16 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक जनपद शाखाओं द्वारा जनपद के प्रत्येक कार्यालय में भ्रमण कर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। द्वितीय चरण में 26 अक्टूबर से 25 नवंबर तक प्रदेश के विभिन्न मंडलों / जनपदों में संयुक्त परिषद के अध्यक्ष एवं अन्य प्रादेशिक पदाधिकारी जन जागरण पदयात्रा करके, मंडलीय सम्मेलन, पत्रकार वार्ता के माध्यम से कर्मचारियों में जागरूकता उत्पन्न करेंगे। तृतीय चरण में 30 नवंबर 2023 को लखनऊ में विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। इसमें विधानसभा पर प्रदर्शन प्रस्तावित है। प्रदर्शन के माध्यम से मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन भी दिया जाएगा और 30 नवंबर को ही अगले कार्यक्रम की घोषणा कर दी जाएगी। जे एन तिवारी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव से विभिन्न विभागों के अधिकारियों को संगठनों की मांगों पर वार्ता कर अनुपालन किए जाने के लिए कड़ाई से निर्देश देने का अनुरोध किया है ताकि चुनावी वर्ष में आंदोलन जैसी स्थिति न उत्पन्न हो सके ।

प्रेस वार्ता में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण  दुबे, सचिव / महामंत्री  अरुणा शुक्ला, उपाध्यक्ष टी एन चौरसिया, ओम प्रकाश पांडे, आदित्य नारायण झा, निरंजन कुमार श्रीवास्तव, वीरेंद्र वीर सिंह यादव, इंद्रजीत सिंह, सहदेव सचान,  कुसुम लता यादव, अमित कुमार वर्मा, महेंद्र सिंह, गोविंद कुमार, हरगोविंद यादव, आरके यादव, अखिलेश सिंह सहित दर्जनों संगठनों के अध्यक्ष महामंत्री उपस्थित थे।

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