लखनऊः (मानवी मीडिया) दुधवा नेशनल पार्क में प्रवेश शुल्क एवं अन्य शुल्कों की दरों में की गई कमी आम आदमी को दुधवा के प्रति आकर्षिक करने में मील का पत्थर साबित होगी। शुल्क दरों में कमी होने से दुधवा आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढोत्तरी होगी जिससे विभाग के राजस्व में वृद्धि होगी। उक्त वक्तव्य पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन एवं जन्तु उद्यान मंत्री(स्वतंत्र प्रभार)/अध्यक्ष शासी निकाय दुधवा बाघ संरक्षण फाउण्डेशन डा0 अरूण कुमार सक्सेना ने दुधवा बाघ संरक्षण फाउंडेशन के शासी निकाय(गवर्निंग बॉडी) की समीक्षा बैठक के दौरान दिये। डा0 सक्सेना ने कहा कि 05 वर्ष से कम आयु के तथा स्कूली बच्चों का दुधवा में प्रवेश निःशुल्क कर दिया गया है। पर्यटकों की सुविधा के लिए दुधवा के एक किमी के दायरे में होटल खोलने के लिए निवेशकों को आकर्षित किया जायेगा। उन्होंने निर्देश दिए कि दुधवा आने वाले पर्यटकों के लिए आवागमन की बेहतर सुविधा के लिए सम्पर्क मार्गों का सुदृढ़ीकरण यथाशीघ्र कराया जाये।
डा0 सक्सेना ने बताया कि दुधवा के भ्रमण हेतु प्रति व्यक्ति प्रति पाली रूपया 300 के स्थान पर रूपया 150, गैंडा परिक्षेत्र में भ्रमण हेतु अतिरिक्त प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति 700 के स्थान पर 200, सफारी वाहन शुल्क 600 के स्थान पर 200, गैंडा परिक्षेत्र के बाहर अधिकतम 02 घंटे की अवधि के लिए प्रति हाथी सवारी शुल्क रूपया 2000 के स्थान पर 500 एवं गैंडा परिक्षेत्र के अन्दर अधिकतम 02 घंटे के लिए प्रति हाथी सवारी शुल्क रूपया 4000 के स्थान पर 500 तथा बोट सवारी प्रति व्यक्ति शुल्क अधिकतम 01 घंटे के लिए रूपया 250 के स्थान पर 100 अनुमन्य किया गया है। बैठक में जनपद लखीमपुर खीरी के विधानसभा क्षेत्र पलिया के विधायक हरविंदर कुमार साहनी, जनपद बहराइच के विधानसभा क्षेत्र बलहा की विधायिका सरोज सोनकर, अपर मुख्य सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मनोज सिंह सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।