गाजियाबाद (मानवी मीडिया): गाजियाबाद में मोबाइल शॉप संचालक दीक्षित पाल की हत्या के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को बीजेपी के साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा के पीए हरीशचंद्र शर्मा के बेटे आयुष शर्मा (21) को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में पता चला है कि आयुष ने दुकानदार को विदेश से सस्ते आईफोन मंगवाने के लिए साढ़े तीन लाख रुपए एडवांस दिए थे। मगर उसको न आईफोन मिला और न रुपए वापस आए। इस पर आरोपी ने बातचीत के लिए दुकानदार को घर बुलाया और बेसबॉल के डंडे से प्रहार कर उसको जान से मार डाला।
30 वर्षीय दीक्षित पाल साहिबाबाद थाना क्षेत्र में अर्थला स्थित अंबेडकर कॉलोनी के रहने वाले थे। वसुंधरा में उनकी मोबाइल शॉप है। गुरुवार दोपहर वे घर पर खाना खाने आए। इस दौरान एक कॉल आने पर स्कूटी लेकर बाहर निकल गए। शाम करीब पौने चार बजे दीक्षित पाल की लाश बंद बोरे में उन्हीं की स्कूटी पर मिली। ये स्कूटी अर्थला के पास दशमेश वाटिका की दीवार सहारे खड़ी थी। सिर के पीछे भारी वस्तु से प्रहार करके हत्या की गई थी।
डीसीपी शुभम पटेल ने बताया, पुलिस ने इस मामले में 21 वर्षीय आयुष शर्मा को शुक्रवार को गिरफ्तार किया। वो वसुंधरा इलाके में फिटनेस हेड क्वाॅर्टर नाम से चलने वाले जिम में ट्रेनर है। आरोपी से हत्या में प्रयुक्त बेसबॉल का डंडा बरामद हुआ है। पूछताछ में आयुष ने बताया, ‘मैंने 15 दिन पहले तीन बार में साढ़े तीन लाख रुपए दीक्षित पाल को दिए थे। दीक्षित पाल सस्ते आईफोन मंगवाकर उन्हें बेचने का काम करता है। पूछने पर पर दीक्षित आईफोन जल्द आने की बात कहकर टाल रहा था। 16 अगस्त को भी उसने झूठा आश्वासन दिया। वो मुझे न आईफोन दे रहा था और न ही रुपए वापस कर रहा था। मैंने 17 अगस्त को बातचीत करने के बहाने से दीक्षित पाल को फोन करके घर पर बुलाया।’
आयुष ने आगे बताया, ‘दीक्षित पाल स्कूटी से घर पर आया और सोफे पर बैठ गया। मैंने उससे रुपए वापस करने को कहा। दीक्षित ने कहा कि मैं एक-डेढ़ महीने में रुपए वापस कर दूंगा। मैंने कहा कि ये रुपए ब्याज पर लेकर दिए हैं। तब दीक्षित ने कहा कि न तो मैं तुझे फोन दूंगा और न ही रुपए वापस करुंगा। इस पर हमारा झगड़ा बढ़ गया। कमरे में रखे बेसबॉल के डंडे से मैंने उसके सिर पर प्रहार कर दिया। वो मूर्छित होकर गिर पड़ा और मौत हो गई। इसके बाद मैंने घर में रखे कपड़े से फर्श पर फैला खून साफ किया। शव को बोरी में बंद किया और दीक्षित की स्कूटी पर ही उसे रखकर दशमेश वाटिका के पास छोड़ आया।’
इधर, मृतक दीक्षित पाल के भाई मनजीत पाल ने बताया, ‘मेरे भाई की लंबाई पौने छह फुट थी। उसका वजन 80 किलो के आस-पास था। एक व्यक्ति उसको नहीं मार सकता। घर में आरोपी की मां भी मौजूद थी। पहले हत्या करना, फिर लाश को बोरे में रखना, फिर बोरे को स्कूटी पर बांधना, ये सब एक व्यक्ति का काम नहीं हो सकता। मुझे आशंका है कि इस हत्याकांड में कई और लोग शामिल हैं।’