(मानवी मीडिया) : इतिहास के पन्नों में कुछ ऐसे राज दफन है, जिनके बारे में जब पता चलता है तो यकीन करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. ऐसी ही कहानी कंबोडिया के पहले राजा की है, जिसका भारत से कनेक्शन बताया जाता है. हालांकि इस बारे में कोई ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है, लेकिन कुछ किंवदंती है. लेकिन इसे इतिहासकारों द्वारा व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है.
किंवदंती के अनुसार, कौंडिन्य नाम का एक भारतीय व्यापारी भारत से चीन जा रहा था, उसका जहाज एक तूफान में फंस गया और कंबोडिया के तट पर बर्बाद हो गया. कौंडिन्य को सोमा नामक एक स्थानीय राजकुमारी ने बचाया था, जो नागा कबीले के मुखिया की बेटी थी. सोमा कौंडिन्य की बहादुरी से प्रभावित हुई और उससे विवाह करने की पेशकश की. कौंडिन्य ने स्वीकार कर लिया और उन दोनों ने फुनान राज्य की स्थापना की.
भारतीय संस्कृति का प्रभाव
कौंडिन्य और सोमा की कहानी की व्याख्या अक्सर दक्षिण पूर्व एशिया के भारतीयकरण के रूपक के रूप में की जाती है. कौंडिन्य के आगमन के बाद की शताब्दियों में, भारतीय संस्कृति और धर्म का दक्षिण पूर्व एशियाई समाजों के विकास पर गहरा प्रभाव पड़ा. विशेष रूप से कंबोडिया के खमेर लोग भारतीय संस्कृति से काफी प्रभावित थे, क्योंकि यहां की कई स्थापत्य और कलात्मक परंपराओं का पता भारत में लगाया जा सकता है.