लखनऊ : (मानवी मीडिया) KMC यानी ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में 3 साल से फर्जी डिग्री के दम पर नौकरी कर रही फैकल्टी को निलंबित कर दिया गया है।
विश्वविद्यालय में गुरुवार को हुई एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में पॉलिटिकल विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ताबिंदा सुल्ताना के निलंबन पर मोहर लगाई गई। साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की गई।
विश्वविद्यालय में इससे पहले साल 2022 में भी कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के एक और असिस्टेंट प्रोफेसर के खिलाफ एक्शन हो चुका है। पद के लिए जरूरी क्वालिफिकेशन के उपयुक्त न मानते हुए डॉ. अनम फातिमा को राज्यपाल ने बर्खास्त कर दिया था।
डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन से खुली पोल
नियुक्ति के बाद शिक्षिका के दस्तावेज सत्यापन के लिए संबंधित संस्थानों को पत्र भेजा गया था। शिक्षिका की एमए पॉलिटिकल साइंस की हिमांचल प्रदेश के सोलन के डिग्री मानव भारती विश्वविद्यालय की थी।
वहां से आई रिपोर्ट के अनुसार विवि में इस नाम का शैक्षिक अभिलेख जारी होने का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। इसके बाद कार्यपरिषद ने शिक्षिका को निलंबित करते हुए उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।