नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) उच्चतम न्यायालय ने उस आरोपी को गुजरात उच्च न्यायालय से मिली जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया है, जिसने पिछले साल मोरबी पुल ढहने वाली घटना के दिन आगंतुकों को टिकट जारी किए थे. उस हादसे में 140 से अधिक लोग मारे गए थे. प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ‘ट्रैजेडी विक्टिम एसोसिएशन, मोरबी’ की ओर से पेश वकील की इस दलील से सहमत नहीं हुई कि उच्च न्यायालय ने गलत तरीके से आरोपी को जमानत दे दी.
उच्च न्यायालय द्वारा 9 जून को आरोपी मनसुखभाई वलजीभाई टोपिया को दी गई जमानत को रद्द करने की याचिका खारिज करते हुए सीजेआई ने कहा, ‘वह सिर्फ टिकट बेच रहा था’. पीठ ने सोमवार को अपने आदेश में कहा, ‘हम संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत विशेष अनुमति याचिकाओं पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं. तदनुसार, विशेष अनुमति याचिकाएं खारिज की जाती हैं.’
गुजरात उच्च न्यायालय ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि जांच पूरी हो चुकी है और आरोप-पत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने कहा, ‘मुकदमे को समाप्त होने में समय लगेगा, इसलिए न्यायिक हिरासत में आवेदक की उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है, साथ ही आवेदक कंपनी द्वारा नियुक्त टिकट जारी करने वाला व्यक्ति था और इसलिए, मेरी राय है कि यह विवेक का प्रयोग करने तथा आवेदक को नियमित जमानत पर रिहा करने का एक उपयुक्त मामला है.’