बेंगलुरु ( मानवी मीडिया): केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार साइबर धोखाधड़ी और अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों पर अंकुश लगाने पर दृढ़ता से ध्यान केंद्रित कर रही है। वैष्णव ने कहा कि सरकार साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए उद्योग, नागरिक समाज और मीडिया सहित हितधारकों से आने वाले सुझावों का स्वागत करेगी। उन्होंने यहां जी20 बैठक में संवाददाताओं से कहा, “ऐसा नहीं हो सकता कि उचित केवाईसी किए बिना सिम देने वाले व्यक्ति को जवाबदेह नहीं ठहराया जाए। उस व्यक्ति को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
अधिकांश साइबर धोखाधड़ी स्मार्टफोन और सेल फोन के माध्यम से की जा रही हैं, जो आपके ऐप्स प्रवेश और निकास बिंदु हैं। इसलिए, हमारा ध्यान यह सुनिश्चित करने पर बहुत अधिक है कि साइबर धोखाधड़ी और अन्य धोखाधड़ी वाली गतिविधियां जो चल रही हैं, वो नियंत्रित हों।’ वैष्णव ने कहा, “तीन दिन पहले केंद्र सरकार ने दो और सुधार शुरू किए, जिससे हर डीलर का सत्यापन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) को प्रभावी ढंग से कैसे आकार दिया जाए, इस पर जी20 डिजिटल इकोनॉमी मंत्रिस्तरीय बैठक में एक अभूतपूर्व सहमति बनी।”
उन्होंने कहा, “भारत के जी20 प्रेसीडेंसी में डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रियों की बैठक में यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपलब्धि है कि वैश्विक समाजों को डिजिटल बनाने के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को एक बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व के रूप में अपनाने पर आम सहमति है। इस बात पर आम सहमति है कि हम वैश्विक स्तर पर, वैश्विक दक्षिण साथ ही अन्य देशों को अपनी अर्थव्यवस्थाओं को डिजिटल बनाने के लिए डीपीआई आर्किटेक्चर को अपनाना चाहिए।” वैष्णव ने कहा, “जी20 बैठक के लिए तीन प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं, पहले डीपीआई, दूसरा साइबर सुरक्षा और तीसरा कौशल। इन तीनों क्षेत्रों में हमें अच्छी सहमति मिली और संपूर्ण जी-20 मंत्रियों की बैठक में आज एक परिणाम दस्तावेज़ अपनाया गया।”