हिसार : (मानवी मीडिया) हरियाणा के हिसार जिले के बास गांव में भारतीय किसान मजदूर यूनियन के बैनर तले आज हुई हिंदुओं, मुस्लिमों और सिखों की महापंचायत ने मुस्लिम व्यापारियों का गांव में प्रवेश करने पर प्रतिबंध का प्रस्ताव पारित करने वालों को ललकारते हुये कहा है कि उनमें अगर हिम्मत है तो वे ऐसा करके दिखाएं। बास की अनाज मंडी में हुई इस महापंचायत में हिंदू, मुस्लिम, सिख समुदाय के लोग शामिल हुए।
महापंचायत में इस सम्बंध में किसान नेता सुरेश कोथ ने बकायदा प्रस्ताव पढ़ा जिसका वहां मौजूद तीनों धर्मों के लोगों से समर्थन किया। महापंचायत ने चेतावनी दी कि नूंह हिंसा के मद्देनजर मुस्लिम व्यापारियों को गांव में प्रवेश नहीं करने देने का प्रस्ताव पारित करने वालों में अगर हिम्मत है तो वे ऐसा करके दिखाएं। महापंचायत की अध्यक्षता गांव के बुजुर्ग रामचंद्र मोर ने की। किसान और खाप संगठनों ने भाईचारा मजबूत करने का संदेश दिया।
महापंचायत में बाढ़ प्रभावित किसानों को मुआवजा, एमएसपी गारंटी कानून, नूंह में भाईचारा कायम कराना, 22 अगस्त को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने सम्बंधी फैसले लिए गए। महापंचायत ने बाढ़ से हुए नुकसान का मुआवजा 50 हजार रुपये प्रति एकड़ करने, अनुसूचित वर्ग के लोगो को घरों को हुये नुकसान की भरपाई के लिए पांच लाख रुपये देने और बाढ़ में मारे गए प्रति पशु के लिये एक लाख रुपया मुआवजा देने की मांग की।