धूरी /संगरूर (मानवी मीडिया)-पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सोमवार को कहा कि पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के गलत फ़ैसले से सरकारी खज़ाने को लगभग 60 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। उन्होंने कहा कि ऐसे ही नेताओं ने ही सत्ता में रहते हुए राज्य में अंधी लूट की। आज यहाँ 76 आम आदमी क्लीनिक लोगों को समर्पित करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि इन राजनीतिक नेताओं को पंजाब और पंजाबियों के साथ कोई सरोकार नहीं है, जिस कारण उन्होंने हमेशा ही राज्य को दरकिनार करके रखा। श्री मान ने कहा, “ मैं तो इन राजनीतिज्ञों के घटिया कारनामों की फाइलें देखकर हक्का-बक्का रह गया। वास्तव में यह फाइलें पंजाबियों के खून से भीगी हुई हैं। इन नेताओं को किए गए गुनाहों के लिए जवाबदेह बनाउंगा और लोगों की हुई लूट का एक-एक पैसा वसूल करके रहूँगा। ”
पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल पर तीखा निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भाजपा नेता ने सत्ता में होते हुए एक तरफ़ तो राज्य में ई-स्टैंप व्यवस्था लागू कर दी और दूसरी ओर 1266 करोड़ रुपए के स्टैंप पेपर छापने के हुक्म दे दिए, जिस पर 57 करोड़ रुपए की लागत आनी थी। उन्होंने कहा कि इस तजुर्बेकार पूर्व वित्त मंत्री के गलत फ़ैसले से सरकारी खज़ाने को लगभग 60 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ओर तो उनकी सरकार ने अब तक 31 हजार से अधिक नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ दीं और 12710 कच्चे अध्यापकों को नियमित किया, जबकि दूसरी ओर पूर्व वित्त मंत्री राज्य के विकास और नौजवानों को नौकरियाँ देने के रास्ते में रोड़ा बने रहे। उन्होंने कहा कि यह भाजपा नेता नौ साल राज्य के वित्त मंत्री रहे और हर समय पर खज़़ाना खाली का राग अलापते रहते थे। उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री नकारात्मक सोच के शिकार हैं, जिस कारण विकास के पक्ष से राज्य पिछड़ गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह राज्य के लोगों की समस्याओं से अच्छी तरह से अवगत हैं, क्योंकि वह लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए अक्सर राज्य का दौरा करते हैं। उन्होंने कहा, “ जितने दौरे मैंने डेढ़ साल में पंजाब के किए हैं, उतने दौरे उनसे पहले मुख्यमंत्रियों ने पिछले 15 सालों में नहीं किए। यह लोग पंजाब की कोई परवाह नहीं करते, जबकि उन्होंने लोगों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया हुआ है। ”