(मानवी मीडिया) : देशभर के बैंकों में सबसे ज्यादा लावारिस रकम (अनक्लेम्ड डिपाजिट) यूपी के बैंकों में जमा है। 4,580 करोड़ रुपये का कोई दावेदार नहीं हैं। इस पर भारतीय रिजर्व बैंक ने गंभीर चिंता जताई है। आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक बालू केंचप्पा ने सभी बैंकों से आह्वान किया है कि प्रत्येक जिले में अभियान छेड़कर वहां के शीर्ष 100 अनक्लेम्ड डिपाजिट के जमाकर्ताओं या कानूनी उत्तराधिकारियों को तलाशें और तीन महीने में रकम लौटाएं।
दिलचस्प बात ये भी है कि सरकारी विभाग भी बैंकों में पैसा जमा करके भूल गए हैं। सरकारी खातों में जमा अरबों रुपये का कोई वारिस नहीं है। मुख्य सचिव ने सभी सरकारी विभागों की सूची आरबीआई से मांगी है।
लावारिस धन से जुड़े ज्यादातर खाते उन लोगों के हैं, जो इस दुनिया में नहीं हैं और उनके घरवालों को खातों के बारे में पता नहीं है। बड़ी संख्या में बोगस खाते भी हैं, जिनमें करोड़ों रुपये जमा हैं लेकिन कार्रवाई के डर दावा करने वाला कोई नहीं है।
नोटबंदी के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने रकम जमा की लेकिन खाते से रकम निकालते ही निगरानी एजेंसियों के राडार पर आने के डर से उस रकम को हाथ नहीं लगा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक सरकारी विभागों के करीब 900 करोड़ रुपये बैंकों में लावारिस पड़े हैं। बैंकों ने लावारिस धनराशि आरबीआई को ट्रांसफर कर दी है। लावारिस धन पर भी बैंक ब्याज देते हैं। इसके लिए खाते को दोबारा सक्रिय कर ब्याज सहित पैसा बैंक देंगे।