नई दिल्ली ( मानवी मीडिया)-चंद्रयान 3 के पीछे जहां वैज्ञानिकों की पूरी टीम की मेहनत लगी वहीं हर कदम फूंक फूंक कर रखना पड़ा। जैसे कि लांचिंग और लैंडिंग का समय
भारतीय स्पेस एजेंसी के अनुसार, विक्रम लैंडर की लैंडिंग के लिए जो जगह फाइनल की जानी थी वहां पर सूर्योदय होने तक इंतजार करना जरूरी था। वैसे भी चंद्रयान को ऐसे वक्त में चांद पर उतारने के लिए चांद पर 14 दिन सूरज की रोशनी होना जरूरी है। हर कोई ये भी जानने को उत्सुक हैं कि आखिर चंद्रयान-3 की लैंडिंग की तारीख 23 ही क्यों चुनी गई। इसके पिछे भी एक कारण निकल कर सामने आया है और वो ये कि चंद्रयान-3 में लगा लैंडर और रोवर सूरज की रौशनी का इस्तेमाल करेगा, जो कि इसके इक्विपमेंट्स के चार्ज रहने के लिए जरूरी है। चांद पर 14 दिन और अगले 14 दिन तक रात रहती है, दिन में काफी गर्मी होती है तो वहीं रात में काफी ठंड होती है और दक्षिणी ध्रुव पर तापमान माइनस 230 डिग्री तक चला जाता है। इसीलिए चंद्रयान ऐसे वक्त में चांद पर उतरेगा जब वहां 14 दिन सूरज की रोशनी रहेगी।