लखनऊ (मानवी मीडिया) उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केंद्र लखनऊ ने अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की भांति केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना दिनांक 17 सितंबर 2023 से प्रारंभ हो रही है, योजना के मुख्य बिन्दु निम्नवत हैं :-
योजना का उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा या अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों व शिल्पकारों द्वारा पारंपरिक कौशल के परिवार-आधारित पेशे को मजबूत करना और बढ़ावा देना है । योजना का वित्तीय परिव्यय रु. 13,000 करोड़ है, पाँच साल की अवधि ( वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28), योजना के पहले चरण में 18 पारंपरिक क्षेत्र सम्मिलित हैं जो कि निम्नवत हैं :-
बढ़ई(सुथार), नाव निर्माता, अस्त्र बनाने वाला, लोहार,- हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, ताला बनाने वाला, गोल्डस्मिथ (सुनार), कुम्हार , मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला,पत्थर तोड़ने वाला), मोची (चर्मकार)/जूता कारीगर, मेसन (राजमिस्त्री), टोकरी/चटाई,झाड़ू निर्माता/जूट बुनकर,गुड़िया और खिलौना निर्माता(पारंपरिक), नाई, माला बनाने वाला,धोबी, दर्जी, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला,हलवाई |
उक्त योजना में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से साक्षात्कार द्वारा पात्र लाभार्थियों का चयन किया जाएगा | चयनोपरांत आवेदक को एक वाउचर दिया जाएगा,जिससे वह रु. 15,000/- की टूलकिट क्रय कर सकेगा | एक आईडी कार्ड एवं प्रमाण-पत्र भी दिया जाएगा | आवेदक को ऋण की प्रथम किश्त रु. 100000/- मात्र का ऋण 5 प्रतिशत ब्याज पर मिलेगा जिसे 18 माह में अदा करना होगा एवं रु. 200000/-ऋण भी मिलेगा जिसे तय समय सीमा में अदा करना होगा |
“पीएम विश्वकर्मा” योजना से संबंधित पोर्टल दिनांक 25.08.2023 से प्रारंभ हो चुका है| इच्छुक व्यक्ति योजना का लाभ लेने हेतु ऑनलाइन पोर्टल https://pmvishwakarma.gov.in/ पर आवेदन कर सकते हैं |
योजना से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने हेतु इच्छुक व्यक्ति किसी भी कार्यदिवस में कार्यालय उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केंद्र 08, कैंट रोड कैसरबाग, लखनऊ से संपर्क कर विस्तृत जानकारी प्राप्त सकते हैं |