भूस्खलन से 344 सडक़ें बंद, 703 ट्रांसफार्मर ठप
चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे पर फंसे सैकड़ों वाहन
शिमला (मानवी मीडिया): आपदा की मार झेल रहे हिमाचल प्रदेश में मौसम के तेवर फिर डराने वाले हैं। राज्य के अधिकांश हिस्सों में मंगलवार को जमकर बारिश हुई। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में भारी बारिश को लेकर शिमला सहित 10 जिलों को अलर्ट किया है। आगामी 25 अगस्त तक भारी बारिश की आशंका जताई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि मानसून के सक्रिय होने से अगले तीन दिन व्यापक वर्षा होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि 23 व 24 अगस्त को भारी वर्षा का ओरेंज और 25 अगस्त को येलो अलर्ट जारी किया गया है। ये अलर्ट जिन 10 जिलों के लिए जारी हुआ है, उनमें शिमला, चम्बा, कुल्लू, मंडी, कांगड़ा, बिलकुल, ऊना, हमीरपुर, सोलन और सिरमौर शामिल हैं। इन जिलों में अगले 24 घण्टों के दौरान बाढ़ आने की भी चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन इन जिलों में भूस्खलन व पेड़ों के गिरने की आशंका जताई है और घरों से बाहर निकलते समय लोगों को सावधानी बरतने को कहा है। लोगों व सेलानियों से अपील की गई है कि वे भूस्खलन संभावित इलाकों और नदी-नालों के तटों की तरफ न जाएं। 27 अगस्त तक राज्य में मौसम खराब रहेगा। इस बीच पिछले दिनों हुई बारिश से अवरुद्ध हुई कई सडक़ें अभी भी बहाल नहीं हो पाई हैं। खराब मौसम के कारण सडक़ों को खोलने में दिक्कतें आ रही हैं। राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार शा। तक राज्य में दो नेशनल हाइवे समेत 344 सडक़ें बंद हैं। मंडी जोन में 117, शिमला ज़ोन में 92, हमीरपुर ज़ोन में 75, कांगड़ा ज़ोन में 58 सडक़ें अवरुद्ध हैं। मंडी जिला में एनएच-21 और कुल्लू में एनएच-305 भी बंद है। इसके अलावा 703 बिजली ट्रांसफार्मर भी खराब हैं। मंडी में सबसे ज्यादा 642 ट्रांसफार्मर बंद हैं। हमीरपुर में 41 और चम्बा में 13 ट्रांसफार्मर ठप हैं। मंडी में 91, शिमला में 12 और चंबा में एक पेयजल परियोजना ठप है। बीते 24 घण्टों में सुजानपुर टिहरा में सबसे ज्यादा 10 सेंटीमीटर वर्षा हुई। इसके अलावा नगरोटा सुरियाँ में 08, गुलेर में 06, नादौन में 05, नैना देवी में 04, ऊना, धर्मशाला व रामपुर में 03-03 सेंटीमीटर वर्षा हुई है। बता दें कि हिमाचल ने 24 जून को दस्तक दी थी और अब तक मानसून सीजन में वर्षा से जुड़े हादसों में 348 लोगों की जान गई है और 38 लापता हैं। 336 लोग घायल हुए हैं। भूस्खलन व बाढ़ की चपेट में आने से 130 लोग मारे गए हैं। जबकि अन्य वर्षा जनित हादसों में 218 लोगों की मौत हुई। मानसून सीजन में 2220 मकान, 300 दुकानें और 4695 पशुशालाएं पूरी तरह धराशायी हूईं। जबकि 9919 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा। बीते करीब दो महीने में राज्य के 131 स्थानों पर भूस्खलन हुआ और 60 स्थानों पर बाढ़ आया। मानसून सीजन में प्रदेश के सरकारी विभागों को 8099 करोड़ का नुकसान आंका गया है।