नई दिल्ली(मानवी मीडिया)- मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को नग्न परेड कराने के मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपी जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने गुरुवार को ये जानकारी दी। हिंसाग्रस्त मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में आक्रोश है। विपक्षी दल सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई ने शीर्ष सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर वायरल वीडियो मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर कराने का भी अनुरोध करेगी। इसके अलावा, जिस मोबाइल फोन से मणिपुर की महिलाओं का वायरल वीडियो शूट किया गया था, उसे बरामद कर लिया गया है और वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने यह मोबाइल फोन सीबीआई को सौंप दिया है।
35 हजार जवान तैनात
रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि जिस फोन से दरिंदगी का वीडियो लीक किया गया था, उसकी जांच से सिलसिलेवार घटनाओं का पता लगाया जा सकेगा। ये केस को सीबीआई को सौंपा जा रहा है। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने कुकी और मैतेई समुदायों के सदस्यों के साथ कई दौर की बातचीत की है। प्रत्येक समुदाय के साथ छह दौर की बातचीत हुई। पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा रोकने और शांति व्यवस्था बनाने के लिए सेना व CRPF के 35 हजार जवान तैनात किए गए हैं। सूत्रों ने कहा कि मणिपुर में सेना, CRPF और CAPF के 35000 अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, सुरक्षाकर्मियों ने मैतेई बहुल घाटी इलाकों और कुकी बहुल पहाड़ी इलाकों के बीच एक बफर जोन बनाया है।
मणिपुर में दो महिलाओं की निर्वस्त्र परेड का वीडियो गत बुधवार, 19 जुलाई को सामने आया था जिसके बाद देश भर में आक्रोश फैल गया और विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी हुए। अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो चार मई का है।
सुप्रीम कोर्ट भी ले चुका है संज्ञान
बता दें कि हिंसाग्रस्त मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो सामने आने के बाद शीर्ष अदालत ने 20 जुलाई को कहा था कि वह इस घटना से ‘‘बेहद आहत’’ है और हिंसा को अंजाम देने के लिए महिलाओं को औजार के रूप में उपयोग करना ‘‘संवैधानिक लोकतंत्र में बिल्कुल अस्वीकार्य है।’’ इस वीडियो पर संज्ञान लेते हुए प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र एवं मणिपुर सरकार को तत्काल सुधारात्मक, पुनर्वास और निवारक कदम उठाने और इस संबंध में की गई कार्रवाई से उसे अवगत कराने का निर्देश दिया था।