लखनऊ : (मानवी मीडिया) सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न किसान कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र किसानों को समय पर बिना किसी असुविधा के मिल सके इस संबंध में प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने विभागीय समीक्षा बैठक ली। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि योजनाओं का क्रियान्वयन किसानोन्मुखी तथा अधिक समावेशी होना चाहिए।कृषि मंत्री ने विभागीय अधिकारियों से अपील की कि वे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी तथा प्रदेश के किसानों के शुभचिंतक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार किसानों के प्रति संवेदनशील रहकर योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर करें।
सब्सिडीयुक्त कृषि यंत्रों के विषय में कहा कि इनका लाभ इच्छुक पात्र किसानों को आसानी से उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने कहा कि सब्सिडी पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन एवं बिल अपलोड होने के बाद दी जाय, जो किसान इसके लिए पंजीकरण करेंगे वे अतिशीघ्र अपने कृषि यंत्र क्रय कर लें अन्यथा उनका पंजीकरण निरस्त समझा जाएगा।
साथ ही दर्शन पोर्टल के लिए आधार कार्ड अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि डुप्लीकेसी को रोकने के लिए कृषि यंत्रों को लेने वाले किसानों की मॉनिटरिंग की जाय।
10 हजार रुपये से कम मूल्य वाले कृषि यंत्रों को विभिन्न जनपदों में स्टाल लगाकर किसानों को उपलब्ध कराए जाएं। पात्र लाभार्थी किसानों को बिना किसी असुविधा के कृषि यंत्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए फील्ड से सम्बंधित सभी संयुक्त निदेशक समय-समय पर स्थलीय निरीक्षण करें।
10 हजार रुपये से कम मूल्य वाले कृषि यंत्रों को विभिन्न जनपदों में स्टाल लगाकर किसानों को उपलब्ध कराए जाएं। पात्र लाभार्थी किसानों को बिना किसी असुविधा के कृषि यंत्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए फील्ड से सम्बंधित सभी संयुक्त निदेशक समय-समय पर स्थलीय निरीक्षण करें।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कृषि यंत्रों के उपयोग के संबंध में किसानों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाए।
किसान कल्याण केंद्रों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यहां साफ सफाई का विशेष ध्यान दिया जाय।
किसान कल्याण केंद्रों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यहां साफ सफाई का विशेष ध्यान दिया जाय।
उन्होंने कृषक उत्पादक समूहों एफपीओ के संबंध में कहा कि इनका शक्ति पोर्टल पर पंजीकरण किया जाना चाहिए। इसके लिए आवश्यक है कि एफपीओ कम से कम एक वर्ष पुरानी हो तथा उसमें कम से कम 50 सदस्य हों।