वाराणसी (मानवी मीडिया): भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद के बैरिकेड क्षेत्र का सर्वेक्षण सोमवार यानी आज से शुरू हो गया है। परिसर में ASI टीम के साथ पुलिस बल भी मौके पर मौजूद है। ज्ञानवापी परिसर में इस वक्त कुल 43 लोग सर्वे टीम में हैं, जिनमें ASI के 24 सदस्य, 4 महिला वादी और 4 वकील शामिल हैं। उधर, मस्जिद प्रबंधन समिति ने वाराणसी जिला न्यायाधीश की अदालत द्वारा इस कार्य की अनुमति देने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब कुछ दिन पहले ही वाराणसी अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के सील किए गए हिस्से को छोड़कर, ज्ञानवापी मस्जिद के बैरिकेड वाले क्षेत्र का एएसआई द्वारा व्यापक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था, ताकि यह पता लगाया जा सके कि मस्जिद पहले से मौजूद हिंदू मंदिर के ऊपर बनाई गई थी या नहीं।
वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट एस राजलिंगम ने भी पुष्टि की है कि एएसआई सर्वेक्षण सोमवार से शुरू होगा। उन्होंने कहा कि मामले से जुड़े वादी-प्रतिवादी समेत सभी पक्षों को इसकी जानकारी दे दी गयी है। वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस आयुक्त अशोक मुथा जैन ने हिंदू पक्ष की तरफ से सुभाष नंदन चतुर्वेदी, सुधीर त्रिपाठी और प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति के संयुक्त सचिव एस.एम. यासीन और उनके वकील के साथ एक बैठक की।
अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन देखती है। जिलाधिकारी ने कहा कि सर्वेक्षण के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। वाराणसी की अदालत ने अपने आदेश में एएसआई से 4 अगस्त तक रिपोर्ट मांगी है, जब मामले पर अगली सुनवाई होगी।
उधर, विश्व वैदिक सनातन संघ के अंतरराष्ट्रीय प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने बताया कि वादी राखी सिंह की ओर से अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी एएसआई सर्वे में मौजूद रहेंगे। काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
इससे पहले, चार हिंदू महिलाओं के आवेदन को स्वीकार करते हुए, जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश ने शुक्रवार को एएसआई को काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में, उस भूखंड का डेटिंग, उत्खनन और ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीकों का उपयोग करके सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया, जहां मस्जिद है।