लखनऊ (मानवी मीडिया)मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत 06 वर्षांं में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन तथा नेतृत्व में देश की सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में समग्र विकास की अवधारणा साकार हुई है। प्रदेश में क्रान्तिकारी परिवर्तन आये हैं। उत्तर प्रदेश ने गरीबी से मुक्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की है। विगत 06 वर्षां में प्रदेश में लगभग साढ़े पांच करोड़ लोग गरीबी से मुक्त हुए हैं तथा वे सक्षम बने हैं। नीति आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया गया है। नीति आयोग ने इसके लिए विभिन्न पैरामीटर तय किये थे, जिनमें शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण था। प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन करने की दिशा में कदम उठाये गये हैं, जिनके परिणाम आने शुरू हो गये हैं। विगत 06 वर्षां में प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद तथा माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में 01 लाख 64 हजार शिक्षकों की भर्ती की गयी है। आने वाले वर्षां में इनके और बेहतरीन परिणाम आएंगे।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में शिक्षा सत्र 2023-24 में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को ड्रेस, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा एवं स्टेशनरी क्रय हेतु प्रति छात्र-छात्रा 1,200 रुपये की धनराशि उनके माता/पिता/अभिभावक के बैंक खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरण प्रक्रिया का शुभारम्भ कर इस अवसर पर आयोजित समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने शैक्षिक सत्र 2023-24 में 125 कस्तूरबा गांधी बालिका इण्टर कॉलेजों का लोकार्पण तथा प्रदेश के 20 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में अतिरिक्त कक्षा-कक्ष व ऑडिटोरियम का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एस0सी0ई0आर0टी0 द्वारा विकसित ‘कलांकुर’, ‘कलासृजन-2’, ‘इण्टर्नशिप मैनुअल’ तथा ‘संस्कृत भाषा किट’ का विमोचन किया। उन्होंने 1,772 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में ‘लर्निंग बाय डूइंग’ कार्यक्रम का शुभारम्भ एवं सम्बन्धित शिक्षक मैनुअल का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने प्री-प्राइमरी शिक्षा हेतु 52,836 को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों को आई0आई0टी0, गांधीनगर द्वारा विकसित वण्डर बॉक्स के वितरण का शुभारम्भ किया। उन्होंने 02 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को वण्डर बॉक्स प्रदान किये।
मुख्यमंत्री ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में डी0बी0टी0 के माध्यम से बालिकाओं को छात्रवृत्ति अन्तरण की प्रक्रिया का शुभारम्भ किया। उन्होंने परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत दिव्यांग छात्राओं को स्टाइपेण्ड तथा गम्भीर दिव्यांग छात्र-छात्राओं को एस्कार्ट एलाउंस की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरण प्रक्रिया का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री जी ने सी0एस0आर0 के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों में गुणात्मक सुधार तथा संसाधनों के निर्माण हेतु योगदान करने वाली 06 संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के आकांक्षात्मक जनपदों में शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन आये हैं। नीति आयोग ने इस सम्बन्ध में आंकड़े जारी किये हैं। सभी शिक्षक इस परिवर्तन के वाहक हैं। विभिन्न विभागों ने प्रधानमंत्री के विजन को प्राप्त करने के लिए मिशन मोड पर कार्य किया है। आज बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ रही है। विगत 06 वर्षां में लगभग 03 वर्ष कोरोना महामारी का सामना करने में व्यतीत हुए। इसी दौरान बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में लगभग 55 से 60 लाख नये बच्चों का नामांकन हुआ। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या लगभग 01 करोड़ 34 लाख से बढ़कर आज 01 करोड़ 91 लाख से अधिक हो गयी है। इस संख्या को और बढ़ाने के साथ ही ड्रॉप आउट को नियंत्रित किये जाने की आवश्यकता है। इसके लिए अभिभावकों से संवाद तथा तकनीक का प्रयोग किया जाना चाहिए। यह शिक्षकों की जिम्मेदारी है। शिक्षक अपने कार्य व्यवहार से बच्चों के विकास में सकारात्मक योगदान दे सकते हैं। इससे शिक्षकों का सम्मान बढ़ेगा। यह ड्रॉप आउट को रोकने का माध्यम भी बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा सबसे पवित्र मन्दिर वह है, जहां से हमारा परिवार तथा हमारी आजीविका चल रही है। हम सभी उस ऋषि परम्परा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जिसने हमें ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ की प्रेरणा दी है। यह एक छात्र को अपने शिक्षक, माता-पिता तथा अतिथि के प्रति देवत्व के भाव से जोड़ता है। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यार्थियों को 1,200 रुपये प्रति छात्र/छात्रा की दर से उनके माता/पिता/अभिभावक के खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से धनराशि अन्तरित की गयी है। इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं होता है। यह पारदर्शिता और शुचिता का प्रतीक है। सभी शिक्षक अभिभावकों के साथ संवाद करके, समयबद्ध रूप से विद्यार्थियों के लिए यूनीफॉर्म, स्कूल बैग, जूता-मोजा तथा स्टेशनरी का क्रय करना सुनिश्चित करें। सभी बच्चे नियमित रूप से अपनी यूनीफॉर्म में ही विद्यालय आयें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के क्रमिक उन्नयन के कार्य को आगे बढ़ाया गया है। इन्हें 12वीं तक करने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के परिसरों में अतिरिक्त कक्षा-कक्ष तथा ऑडिटोरियम का लोकार्पण हुआ है। सभी डायट में शिक्षकों के प्रशिक्षण के साथ ही पहले से तैनात शिक्षकों के लिए समय-समय पर रिफ्रेशर कोर्स आयोजित किये जाने चाहिए। शिक्षकों का अपडेट होना बहुत आवश्यक है। सभी डायट में अच्छे प्रशिक्षक होने चाहिए। इसके लिए योग्यता को मानक बनाया जाए। आज यहां एस0सी0ई0आर0टी0 द्वारा विकसित अनेक पुस्तकों का विमोचन हुआ है। इन्हें सभी विद्यालयों को उपलब्ध कराया जाए। सभी शिक्षक इन पुस्तकों का अध्ययन करें तथा बच्चों को भी इनकी जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्री-प्राइमरी के रूप में विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। जिन आंगनबाड़ियों ने अच्छा कार्य किया है, वहां बच्चों में स्कूल जाने के प्रति अच्छा भाव दिखता है। परिषदीय विद्यालयों में ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के लिए लगभग 250 करोड़ रुपये सी0एस0आर0 निधि के माध्यम से मिले हैं। इनमें से 06 समूहों को यहां सम्मानित किया गया है। सी0एस0आर0 की निधि का इससे बेहतर उपयोग नहीं हो सकता। यह देश की नींव को मजबूत बनाने का कार्य है। इसके माध्यम से हम अपनी पीढ़ी के अच्छे भविष्य का निर्माण कर रहे हैं। इसके साथ ही हमारे जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारियों, समाज के श्रेष्ठ लोगों एवं शिक्षकों ने ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ को सफलता की नयी ऊँचाइयां प्रदान की हैं। आज वे विद्यालय बच्चों की रचनात्मकता को बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे हैं। निपुण भारत कार्यक्रम में भी इस दिशा में बहुत सकारात्मक योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के लगभग 01 करोड़ 91 लाख विद्यार्थियों को डी0बी0टी0 के माध्यम से 1,200 रुपये प्रति छात्र-छात्रा की दर से 2,300 करोड़ रुपये धनराशि भेजी गयी है। बहुत से देशों की इतनी आबादी भी नहीं है, जितनी हमारे यहां विद्यार्थी हैं। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की बालिकाओं को प्रतिवर्ष 1,100 रुपये प्रति छात्रा की दर से छात्रवृत्ति प्रेषित की गयी है। इसके साथ ही 19,553 पात्र दिव्यांग छात्राओं को 2,000 रुपये स्टाइपेण्ड तथा 11,364 गम्भीर दिव्यांग छात्र-छात्राओं, जो बिना सहायता के विद्यालय आने में असमर्थ हैं, उन्हें नियमित विद्यालय आने हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से 6,000 रुपये के एस्कार्ट एलाउंस की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरित की गयी है। इस राशि का सदुपयोग होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां विद्यार्थियों को कौशल विकास के साथ जोड़ने के लिए एक अभिनव कार्यक्रम आगे बढ़ा है। इसके लिए बच्चों में सकारात्मकता उत्पन्न करनी होगी। उन्हें ड्रॉइंग की जानकारी दी जा सकती है, जिससे वे आगे चलकर आर्किटेक्ट या मास्टर प्लानर बन सकते हैं। बच्चों को मिट्टी के खिलौने बनाने का अभ्यास कराया जाना चाहिए। उन्हें किचन गार्डनिंग तथा वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करना चाहिए। बच्चों को सही रास्ता दिखाने की आवश्यकता है। उन्हें सही व्यवहार की जानकारी दी जानी चाहिए। विद्यालय सुन्दर होने चाहिए। बच्चों को इस कार्य में सहयोग के लिए प्रेरित करना चाहिए। मानसिक व शारीरिक श्रम मिलकर बेहतर परिणाम दे सकते हैं। इस दिशा में स्थानीय स्तर पर शिक्षकों को कार्य करने की आवश्यकता है। विगत 06 वर्षां में जो दूरी तय की गयी है, इसे और आगे बढ़ाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में परिवर्तन दिखता है। अब माध्यमिक शिक्षा में परिवर्तन की बारी है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने नकलविहीन परीक्षाएं सम्पन्न की हैं। इस वर्ष मात्र 15 दिनों में बोर्ड परीक्षाएं सम्पन्न हुईं तथा 14 दिनों में परिणाम आ गये। कुल 29 दिनों में माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सभी कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न किये। यही परिवर्तन है और इस परिवर्तन के लिए अपने आपको तैयार करने की आवश्यकता है। ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ का दूसरा चरण माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में परिवर्तन का होना चाहिए। सभी सरकारी इण्टर कॉलेज, राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज तथा सरकारी सहायता प्राप्त निजी प्रबन्धन में चलने वाले विद्यालयों का एक समय-सीमा में तथा गुणवत्ता के साथ ‘ऑपरेशन कायाकल्प-2’ के माध्यम से कायाकल्प किया जाए। आज उत्तर प्रदेश पहचान की संकट से उभरा है। इसके लिए प्रदेश में जो परिवर्तन किये गये हैं, उन्हें और अच्छे ढंग से आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में नया युग प्रारम्भ हुआ है। शिक्षण संस्थाओं का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। शिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ावा मिला है। प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में निरन्तर उन्नति की ओर आगे बढ़ रहा है।
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार सभी बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा का संवैधानिक अधिकार प्रदान करने के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है। इसमें तकनीक का प्रयोग भी किया जा रहा है। बिना किसी भेदभाव के सभी बच्चों के लिए डी0बी0टी0 के माध्यम से पारदर्शी तरीके से धनराशि प्रेषित की जा रही है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा दीपक कुमार, महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनन्द, शिक्षा विभाग के अधिकारीगण, शिक्षक तथा विद्यार्थी सम्मिलित थे। जनपद स्तर पर भी कार्यक्रमों के आयोजन में जनप्रतिनिधिगण जुड़े थे।
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