लखनऊ : (मानवी मीडिया) भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 122वीं जयंती पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सिविल हॉस्पिटल परिसर में स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी समेत कई अन्य भाजपा नेता मौजूद रहे।
इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि मुखर्जी जी आजादी की लड़ाई में अमर सेनानी के रूप में लड़ाई लड़ी। उन्होंने कलकत्ता यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर बनकर शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया। आजादी के बाद बनी पहली सरकार में वह उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री के रूप में जो आधारशिला रखी, वह उदाहरण है।
आजादी के बाद स्वतंत्र भारत की पहली सरकार में मंत्री के रूप में नेहरू सरकार ने तुष्टिकरण की नीति पर चल कर जिन त्रासदियों से देश उबरने का प्रयास कर रहा था तब उन्ही संकंटों को जबरन देश पर लादने का प्रयास किया तो मुखर्जी जी खुद को कैबिनेट से अलग कर भारतीय जन संघ की स्थापना और उसके प्रथम अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दी। सीएम योगी ने आगे कहा कि सरकार से उनके मद भेद कई बार देखे गए। लेकिन देश के लिए किए गए उनके योगदान को कभी भूला नहीं जा सकता।
सीएम योगी ने आगे कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के खिलाफ देशव्यापी अभियान चलाया था। साथ ही कश्मीर पर उन्होंने ''नहीं चलेगा एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान'' का नारा भी दिया था। वहीं पीएम मोदी के नेतृत्व में कश्मीर से धारा 370 हटाकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को मोदी सरकार पूरा कर रही है।